
जौनपुर। केराकत तहसील स्थित देहरी गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। पहले कुछ लोगों द्वारा अपने नामों में ‘अब्दुला तिवारी’, ‘पांडे’ और ‘मिश्रा’ जैसे उपनाम जोड़ने को लेकर यह गांव चर्चा में आया था, अब गांव के निवासी नौशाद दुबे द्वारा बकरीद के मौके पर दिया गया बयान चर्चा का विषय बना गया है।
नौशाद दुबे ने बताया कि बकरीद को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण ढंग से मनाने की अपील करते हुए कहा कि, “मुख्यमंत्री का जो भी आदेश है, वह सभी को मानना चाहिए। खुले स्थानों पर न तो बकरे का मांस काटा जाए और न ही प्रतिबंधित मांस का प्रयोग हो। सभी लोग अपने आस-पास की सफाई का ध्यान रखें और हर बार की तरह इस बार भी त्योहार प्रेम और भाईचारे के साथ मनाएं।”

नौशाद दुबे ने अपनी कौम से भी अपील करते हुए कहा कि सभी लोग सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। इसके साथ ही गांव के प्रवेश मार्ग पर उनके नाम का एक बोर्ड भी लगाया गया है, जो गांव में उनकी सक्रियता को दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि देहरी गांव में मुस्लिम परिवारों की संख्या भी अच्छी-खासी है।
गांव के प्रधान फरहान ने भी समुदाय से अपील की कि खुले स्थानों पर जानवरों की कुर्बानी न की जाए और प्रतिबंधित पशुओं का कतई इस्तेमाल न हो। उन्होंने कहा, “गाय का दूध पीने के लिए होता है, न कि काटने के लिए। यह दूध दवा के रूप में भी उपयोगी होता है। हम अपने समुदाय से यही अपील करते हैं कि ऐसे पवित्र अवसर पर नियमों का पालन करते हुए त्योहार को शांति और आपसी सौहार्द के साथ मनाएं।”
गांव के दोनों समुदायों की इस समझदारी और आपसी सहयोग की भावना को लेकर प्रशासन भी संतुष्ट है और आशा है कि यह संदेश अन्य गांवों के लिए भी मिसाल बनेगा।
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