
जम्मू। जब हौसले बुलंद हों और इरादे मजबूत, तो कोई भी मंज़िल नामुमकिन नहीं होती। जम्मू-कश्मीर के राजौरी ज़िले की डॉ. इरम चौधरी ने इस बात को सच कर दिखाया है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में उन्होंने पूरे देश में 40वीं रैंक हासिल कर एक मिसाल कायम की है। खास बात ये है कि इस कामयाबी से पहले उन्होंने तीन बार असफलता का सामना किया था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
डॉ. इरम ने 2018 में MBBS की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि अब वो देश की सेवा एक डॉक्टर के साथ-साथ एक सिविल सर्वेंट के तौर पर करेंगी। UPSC जैसी कठिन परीक्षा में तीन बार नाकाम रहने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। बिना किसी कोचिंग के, सिर्फ अपनी मेहनत, आत्मविश्वास और सटीक रणनीति के दम पर उन्होंने चौथे प्रयास में कमाल कर दिखाया।
2023 की परीक्षा में भी इरम ने अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्हें लिखित परीक्षा में 724 और इंटरव्यू में 182 अंक मिले थे, यानी कुल 906 अंक। लेकिन 2024 में उन्होंने अपनी मेहनत को नई ऊंचाई दी और टॉप 50 में जगह बना ली।
डॉ. इरम की कहानी उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणादायक है जो एक-दो असफलताओं के बाद उम्मीद खो देते हैं। उनकी यात्रा यह दिखाती है कि अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत ईमानदार, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता।