
Jammu Kashmir News : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला कैबिनेट का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें संभवत: चार नए मंत्री शामिल होंगे। इनमें तनवीर सादिक, बशीर वीरी, परिजादा फारूक शाह जैसे नाम शामिल हैं। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख डॉ. फारूक अब्दुल्ला और पूर्व मंत्री चौधरी मोहम्मद रमजान को राज्यसभा भेजे जाने का प्रस्ताव भी मंजूर हो चुका है।
जम्मू-कश्मीर सरकार के सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में, परिस्थितियों के अनुकूल होने पर, उनके मंत्रिमंडल में चार नए सदस्यों का स्वागत हो सकता है। वर्तमान मंत्रिमंडल में किसी एक मंत्री का स्थान भी बदल सकता है। साथ ही, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता डॉ. फारूक अब्दुल्ला और चौधरी रमजान को राज्यसभा में भेजने पर भी सहमति बन चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि नए सदस्यों में से एक, पार्टी के प्रवक्ता और मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी तनवीर सादिक को श्रीनगर का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है। इसके अलावा, पूर्व आईएएस अधिकारी और टंगमर्ग से विधायक पीरजादा फारूक शाह को उत्तरी कश्मीर का प्रतिनिधि बनाया जाएगा। फारूक शाह को मंत्री बनाए जाने के बाद, उन्हें पर्यटन और लोक निर्माण विभाग का जिम्मा सौंपा जा सकता है। वहीं, दक्षिण कश्मीर के बिजबिहाड़ा से विधायक बशीर वीरी को भी कैबिनेट में शामिल किए जाने की संभावना है।
बशीर वीरी ने पिछले विधानसभा चुनाव में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती को हराया था। उन्हें स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा विभाग का प्रभार मिल सकता है, जिससे वर्तमान मंत्री सकीना इट्टू को इससे मुक्त किया जा सकेगा।
इसके अलावा, सांसद और प्रभावशाली गुज्जर नेता मियां अल्ताफ अहमद के बेटे और कंगन से विधायक मियां मेहर अली को भी पार्टी के गुज्जर वोट बैंक का प्रतिनिधित्व करने के लिए मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। लोलाब से तीन बार विधायक रहे कैसर जमशीद लोन के नाम की भी चर्चा है, हालांकि, उनके नाम को लेकर मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर सोगामी का विरोध भी सामने आया है।
पार्टी ने अपने अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला और पूर्व मंत्री चौधरी मुहम्मद रमजान को राज्यसभा के लिए नामित करने का फैसला किया है, और कांग्रेस को तीसरी सीट का समर्थन भी दिया गया है। इसके अलावा, पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के करीबी शम्मी ओबेराय के नाम पर भी राज्यसभा के लिए विचार हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार, फारूक अब्दुल्ला ने भी इन संभावित नामों पर अपनी स्वीकृति दी है। हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल होने तक मंत्रिमंडल में शामिल होने में अनिच्छा जताई है। फिर भी, केंद्र सरकार की नजर में, जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल का विस्तार एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। मौजूदा समय में, उमर के नेतृत्व में कुल छह मंत्री शामिल हैं।
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