जम्मू : पहलगाम का डर, सुरक्षा की चिंता से वैष्णो देवी के दरबार और कटरा में पसरा सन्नाटा

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की बदली प्राथमिकता और हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने मां वैष्णो देवी की यात्रा पर गहरा असर डाला है। हर साल लाखों श्रद्धालुओं से गुलजार रहने वाला कटरा नगर इस बार असामान्य सन्नाटे से जूझ रहा है। तीर्थ यात्रा में आई इस गिरावट ने न केवल धार्मिक माहौल को प्रभावित किया है, बल्कि स्थानीय व्यापार, पर्यटन और रोजगार पर भी बड़ा असर डाला है।

इस वर्ष जनवरी-फरवरी में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहले वहां की ओर रुख कर गए। गंगा स्नान और कुंभ की धार्मिक आस्था ने वैष्णो देवी यात्रा की प्राथमिकता को पीछे धकेल दिया। होली के बाद श्रद्धालुओं का रुझान फिर से माता के दरबार की ओर बढ़ा, लेकिन तभी पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हालात को और खराब कर गया। सुरक्षा को लेकर पैदा हुई आशंकाओं ने हजारों यात्रियों को अपनी योजना रद्द करने पर मजबूर कर दिया।

होटलों की 70–80 प्रतिशत बुकिंग अचानक रद्द हो गई। पहले जहां हर दिन 35,000 से 40,000 श्रद्धालु कटड़ा पहुंच रहे थे, अब यह संख्या घटकर 12,000 से 15,000 प्रतिदिन पर सिमट गई है। चौक-चौराहे, बाजार, होटल और धर्मशालाएं अब सुनसान नजर आते हैं। दुकानदार ग्राहक का इंतजार करते बैठे हैं, और कई होटल महज एक-दो कमरों की बुकिंग पर निर्भर हैं।

होटल एसोसिएशन के प्रधान राकेश बजीर, उप प्रधान वीरेंद्र केसर और अन्य होटल संचालकों का कहना है कि ऐसी स्थिति कई वर्षों में नहीं देखी गई। स्थानीय व्यापारियों और यात्रा संगठनों ने सरकार से मांग की है कि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए और यात्रा को लेकर सकारात्मक प्रचार अभियान चलाया जाए। इससे श्रद्धालुओं का विश्वास बहाल हो सकेगा और उन्हें यह संदेश मिलेगा कि मां वैष्णो देवी की यात्रा पहले की तरह ही सुरक्षित और पवित्र है।

हालांकि वीकेंड पर श्रद्धालुओं की संख्या में हल्की बढ़त देखी गई है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। संकट से उबरने के लिए सरकार, प्रशासन और श्राइन बोर्ड को मिलकर प्रभावी कदम उठाने होंगे।

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