
जालौन। ससुरालियों द्वारा की जा रही दो लाख रुपयों की मांग पूरी ना कर पाने पर शौहर ने मोबाइल फोन पर अपनी बीवी से कहा तलाक.. तलाक.. तलाक और जन्म जन्मो का रिश्ता कमजोर शीशे की तरह टूट कर बिखर गया। पीड़ित बीवी में अपने शौहर एवं ससुरारी जनों के खिलाफ जालौन कोतवाली में दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
प्राप्त विवरण के अनुसार कस्बा जालौन के मोहल्ला रापटगंज निवासी मुहम्मद सगीर की पुत्री साविया खातून का निकाह 10 जुलाई.2017 को अनस खान पुत्र अजीज खान निवासी 145 वार्ड न0 3 करोंदीपुर कस्वा भाण्डेर जिला दतिया म०प्र० के साथ मुस्लिम रीति रिवाज के तहत हुआ था । साविया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उसके माता पिता द्वारा लगभग उस समय निकाह में 10 लाख रूपये खर्च किये थे । साविया खातून जब विदा होकर अपनी ससुराल गयी तो ससुरालीजन पति अनस, सास शाहजहां, जेठ नसीम, ननद रुवीना पत्नी असलम (निवासी ग्राम धनौरा थाना जालौन) कम दहेज की बात कहकर उसे ताना मारकर दो लाख रूपये नगद अतिरिक्त दहेज की मांग करने लगे और कहा कि मायके जाओ तो 2 लाख रुपये लेकर आना नहीं तो हम तुम्हे अपने साथ नहीं रखेगे।
साबिया जब अपने मायके आयी तो सारी घटना अपने माता पिता को बताई तब पिता मुहम्मद सगीर ने धैर्य बंधाते हुए समय के साथ सब ठीक होने की बात कही। कुछ समय बाद उपरोक्त ससुरालीजन पुनः साविया को लेने आये तो पिता मुहम्मद सगीर ने अब और दहेज देने में असमर्थता व्यक्त की यह सुन उक्त ससुरालीजन उसकी विदा कराकर ले गये । विवाह की 8 साल की अवधि में साविया एवं अनस खान के एक पुत्र अरसद उम्र करीब 6 वर्ष एवं एक पुत्री सिदरा उम्र करीब 4 साल पैदा हुई। इसके बाद भी उपरोक्त लोग दहेज के दो लाख रुपयों की मांग को लेकर उसके साथ मारपीट एवं गाली गलौज कर शारीरिक एवं मानसिक उत्पीडन करते रहे।
दिनांक 07 जून 2025 को पूर्वाह्न समय करीब 10 बजे उपरोक्त ससुरालीजन पति अनस, सास शाहजहां, जेठ नसीम व ननद रुवीना देवर बबलू द्वारा मारपीट कर घर से निकाल दिया । पीड़ित महिला साविया बडी मुश्किल से अपने मायके आयी। गत दिनांक 19 जून 2025 को अनस का फोन आया जिस पर अन्य आवाज भी आ रही जिसमें अनस से कहा जा रहा था कि इसको तलाक दे दो हम सब निवटा लेगें यह सुन अनस ने फोन पर ही तीन बार तलाक कहकर तलाक दे दी।
उस समय मौके पर सारिक खान पुत्र रब्बन खान निवासी मोहल्ला कटरा एवं वसीम खान पुत्र अब्दुल नईम खान निवासी मुहल्ला रापटगंज मौजूद थे । इस विषय पर मुस्लिम धर्म गुरुओं द्वारा भी तलाक को मान्यता दी जा रही है। पीड़ित महिला के प्रार्थना पत्र पर कोतवाली जालौन में मु.अ.स. 201, बीएनएस की धारा 85,115 (2) 352, दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3 व 4, मुस्लिम महिला विवाह अधिनियम की धारा 3 व 4 के तहत अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है।