
Jalaun: मानसून की पहली बारिश ने उरई नगर की सड़कों, गलियों और प्रमुख इलाकों को तालाब में तब्दील कर दिया। रविवार देर रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने नगर पालिका की जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी। शहर के निचले इलाकों, बाजारों और सरकारी कार्यालयों में जलभराव की स्थिति ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया।
सड़कें बनीं तालाब, आवागमन ठप
शहर के प्रमुख क्षेत्रों जैसे राजेंद्र नगर, आजाद नगर, राठ रोड, और गांधी मार्केट में सड़कों पर घुटनों तक पानी जमा हो गया। जल निकासी के लिए बनाए गए नाले कचरे और गाद से भरे होने के कारण बारिश का पानी सड़कों पर फैल गया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर साल बारिश में यही हाल होता है, लेकिन नगर पालिका द्वारा कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया। व्यापारी ने बताया, “दुकानों में पानी घुस गया, जिससे सामान खराब हो रहा है। नालों की सफाई के दावे सिर्फ कागजों तक सीमित हैं।
सरकारी दफ्तरों में भी जलभरा
अवकारी विभाग नगर पालिका कार्यालय, जिला अस्पताल, और तहसील परिसर जैसे सरकारी दफ्तर भी जलभराव से अछूते नहीं रहे। नगर पालिका भवन में कर्मचारियों को पानी के बीच काम करना पड़ा, जबकि जिला अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
नालों की सफाई का दावा खोखला
नगर पालिका ने बारिश से पहले नालों की सफाई का दावा किया था, लेकिन हकीकत में अधिकांश नाले जाम पाए गए। स्थानीय निवासी रमेश चंद्र ने गुस्से में कहा, “हर साल बारिश से पहले सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। नाले में जमा कचरा और झाड़ियां साफ नहीं की जातीं, जिससे पानी की निकासी रुक जाती है।”
किसानों को राहत, लेकिन शहरवासियों की मुश्किलें बढ़ीं
हालांकि, बारिश से किसानों को राहत मिली है, क्योंकि खेतों में सिंचाई के लिए पानी की कमी दूर हुई। लेकिन शहरी क्षेत्रों में जलभराव ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया। कई मोहल्लों में बिजली आपूर्ति भी बाधित रही, क्योंकि बिजली के खंभों के आसपास पानी जमा होने से बिजली कटौती करनी पड़ी।
नगर पालिका की सफाई
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने बताया हमने बारिश से पहले नालों की सफाई शुरू की थी, लेकिन भारी बारिश के कारण कुछ जगहों पर पानी जमा हो गया। जल्द ही पंपिंग सेट लगाकर पानी निकाला जाएगा और नालों की गहन सफाई कराई जाएगी।”
स्थायी समाधान की मांग
शहरवासियों ने प्रशासन से जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान निकालने की मांग की है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अनिल शर्मा ने कहा उरई में सीवेज पंपिंग स्टेशन की कमी और पुरानी ड्रेनेज व्यवस्था इस समस्या का मुख्य कारण है। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
ये भी पढें:
आरोपी के पास कैसे आए लॉ कॉलेज के CCTV एक्सेस? कोलकाता गैंगरेप केस में गहराता साज़िश का शक
https://bhaskardigital.com/encounter-in-baghpat-stf-killed-psycho-killer-sandeep-lohar-who-used-to-target-truck-drivers-2/
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बनी सहमति, जल्द हो सकता है ऐलान
https://bhaskardigital.com/consensus-reached-on-india-us-trade-agreement-announcement-may-be-made-soon/