Jalaun : टीईटी की अनिवार्यता खत्म करने को लेकर शिक्षकों का धरना, कलेक्ट्रेट पर जुटे हजारों शिक्षक

  • सरकार से स्थाई समाधान की मांग

Jalaun : जालौन उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर बुधवार को जिलेभर से हजारों शिक्षक कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे और टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षकों ने सिटी मजिस्ट्रेट को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री व भारत सरकार के शिक्षा मंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।

जिलाध्यक्ष ठाकुरदास यादव ने कहा कि नौकरी लगने के 20-25 साल बाद टीईटी थोपना शिक्षकों के साथ अन्याय है। इसका स्थायी समाधान सरकार को खोजना होगा। कार्यवाहक जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता है, लेकिन सरकार उन्हें अपराधी की तरह देख रही है। जिला मंत्री आफताब आलम ने कहा कि सभी शिक्षक नियुक्ति के समय की अर्हता पूरी करने के बाद ही सेवा में आए थे, अब नए नियम थोपना सरासर उत्पीड़न है।

जिला मंत्री आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि जुलाई 2011 से पहले टीईटी अस्तित्व में ही नहीं था, ऐसे में पुराने शिक्षकों पर इसे लागू करना अनुचित है। नदीगांव ब्लाक अध्यक्ष रामअनुग्रह गुर्जर ने कहा कि सरकार पर्दे के पीछे से शिक्षकों के साथ खेलना बंद करे। वहीं, कुठौंद मंत्री अश्वनी यादव ने आरोप लगाया कि सरकार निजीकरण की साजिश में जुटी है। इस मौके पर गौतम त्रिपाठी, राघवेन्द्र श्रीवास्तव, प्रताप भानु सिंह,राममंनोहर सिंह, आकाश द्विवेदी, इन्द्रपाल गुर्जर, सर्वेश शर्मा, तेजबहादुर चौधन, सुनील पाठक, नित्यानद प्रजापति, श्रवण निरंजन, संजीव भदौरिया, श्याम जी यादव, योगेश निरंजन, अजय भदौरिया, सुनील आनंद, राकेश निरंजन, सौरभ श्रीवास्तव, त्रिभुवन नारायण, अनिल गुप्ता, दर्शन यादव,विवेक गु‌प्ता, संजय यादव, प्रवीन महान, शादाब बेग, सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।

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