Jalaun : टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षक प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

Jalaun : उत्तर प्रदेश में टीईटी अनिवार्यता को लेकर शिक्षक लगातार नाराज हैं। मंगलवार को परिषदीय शिक्षक स्टेशन रोड स्थित अध्यापक भवन से कलेक्ट्रेट तक पैदल और बाइक मार्च निकालते हुए पहुंचे। मार्च का नेतृत्व उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विद्या सागर मिश्रा और जिला मंत्री नरेश निरंजन ने किया। कलेक्ट्रेट प्रांगण में पहुंचकर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री, भारत सरकार, नई दिल्ली को संबोधित ज्ञापन दिया गया।

जिलाध्यक्ष विद्या सागर मिश्रा ने बताया कि आरटीई एक्ट 2009 के अनुसार 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों पर टीईटी अनिवार्यता लागू नहीं है। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की आड़ में शिक्षकों को पदोन्नति और सेवा में असुरक्षित किया जा रहा है। जिला मंत्री नरेश निरंजन ने कहा कि शिक्षकों और उनके परिवारों में भय और असुरक्षा का माहौल है। उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि आरटीई एक्ट की धाराओं के अनुसार पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी अनिवार्यता से मुक्त किया जाए।

ज्ञापन सभा में महेंद्र सिंह भाटिया, प्रदीप निरंजन, संजय दुबे, नृपेन्द्र सिंह, अनुराग मिश्रा, युद्धवीर कंथरिया, प्रेमचंद्र निरंजन, मनीष समाधिया, अरुण निरंजन, अनुराधा चौहान, वंदना गुप्ता, राम सनेही राजपूत, राजेंद्र निरंजन, सुनील श्रीवास्तव, अरविंद श्रीवास्तव, सोम त्रिपाठी, शक्ति सिंह, संकल्प मिश्रा, धीरेन्द्र सिंह सेंगर, रामहेत, चंद्रपाल गुर्जर, डॉ. राकेश निरंजन, अजीत सक्सेना, चंद्र प्रकाश राजपूत, राममोहन बाजपेई, लालजी पाठक, योगेंद्र सिंह जादौन, राजेश शुक्ला, शैलेन्द्र निरंजन, बबेले, कौशलेन्द्र सिंह, धर्मेंद्र चतुर्वेदी, महेंद्र वर्मा, ओमप्रकाश, राघवेंद्र निरंजन, अनिल कुमार वर्मा, तालिब बेग, संजय सचान, अखिलेश व्यास, ब्रजेश दूरबार, समर सिंह गौतम, जीतू गुप्ता, हर्ष गुप्ता, नत्थू सिंह सेंगर, विमलेश कुमार, इंद्रपाल लोधी सहित सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे।

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