
जालौन: पूरी तरह से जर्जर हो चुके विद्यालय भवन कभी भी धराशायी होकर किसी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।
विकासखंड रामपुरा अंतर्गत ग्राम पंचायत पतराही के उच्च प्राथमिक विद्यालय, कन्या प्राथमिक विद्यालय तथा प्राथमिक विद्यालय पतराही में लगभग 150 छात्र-छात्राएँ शिक्षा ग्रहण करते हैं।
शिक्षा के मंदिर ये विद्यालय प्रथम दृष्टया देखने पर भले ही रंग-रोगन के कारण सजे-धजे लगते हों, लेकिन हकीकत यह है कि ये स्कूल बच्चों के लिए कभी भी खतरनाक साबित हो सकते हैं। इन विद्यालयों की दीवारें पूरी तरह फट चुकी हैं। छतें लचककर खतरनाक स्थिति में हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालय के सभी कमरों की दीवारें ऊपर से लेकर नींव तक फटी हुई हैं और ये किसी भी समय धराशायी होकर बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकती हैं।

विद्यालय भवन की खतरनाक स्थिति को देखते हुए शिक्षकों ने सावधानी बरतते हुए छात्र-छात्राओं को कक्षाओं में न बैठने की सख्त हिदायत दी है और बरामदे में बैठाकर पढ़ाना शुरू कर दिया है। कमोबेश यही स्थिति कन्या प्राथमिक विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय बालक की भी है। इन दोनों कंपोजिट विद्यालयों के परिसर में तीन आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। दो विद्यालय भवन और एक अतिरिक्त भवन बना है।
कन्या प्राथमिक और प्राथमिक विद्यालय भवन की स्थिति इतनी जर्जर है कि शिक्षक खेलते हुए बच्चों को भी उस ओर जाने से मना करते हैं, क्योंकि वर्षा ऋतु में इन दोनों विद्यालयों के कक्षों में पानी भर जाता है। विद्यालय में बने सभी कमरों की स्थिति चिंताजनक है। अतः इस विद्यालय के अध्यापकों ने भी एहतियातन विद्यालय परिसर में खड़े एक बरगद के वृक्ष के नीचे बच्चों को शिक्षा देना शुरू कर दिया है। सबसे विकट स्थिति तब होती है जब बारिश होने पर सभी बच्चों को अतिरिक्त कक्ष में खड़ा होने को कहा जाता है।
उक्त संदर्भ में ग्राम प्रधान मोहकम सिंह सेंगर ने बताया कि विद्यालय भवन जर्जर होने की सूचना संबंधित अधिकारियों को कई बार दी गई है, लेकिन अभी तक कोई समुचित कार्रवाई नहीं हुई है। खंड शिक्षा अधिकारी मुक्तेश कुमार ने बताया कि उच्च प्राथमिक विद्यालय पतराही के जर्जर होने की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी जा चुकी है। लेकिन प्राथमिक विद्यालय एवं कन्या प्राथमिक विद्यालय के जर्जर होने के बारे में संबंधित शिक्षकों ने अवगत नहीं कराया है। जांच करवाई जाएगी और यदि दोनों विद्यालय भवनों की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई तो उनकी भी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
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