
Jalaun : एससी-एसटी बेसिक टीचर वेलफेयर एसोसिएशन ने टीईटी (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) की अनिवार्यता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और डीएम कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। शिक्षक संघ ने मांग की कि उत्तर प्रदेश के शिक्षकों को 2009 से पहले टीईटी से मुक्त रखा जाए।
सोमवार को एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राम प्रकाश गौतम के नेतृत्व में शिक्षकों ने नारेबाजी करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। राम प्रकाश गौतम ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा टीईटी को अनिवार्य करने के आदेश के खिलाफ संगठन ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के राजपत्र संख्या 39 के तहत लागू बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 23 व 23(2) में शिक्षक भर्ती और नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता निर्धारित की गई थी। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी को अनिवार्य कर दिया है।
बेसिक टीचर एसोसिएशन ने सरकार से आग्रह किया कि उक्त मामले में हस्तक्षेप कर अधिनियम में संशोधन किया जाए और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने वाले शिक्षकों को टीईटी अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए।
इस दौरान अरविंद खबरी, देवेंद्र कुमार जाटव, डॉ. अमित कुमार, योगेंद्र सिंह, महेंद्र भास्कर, दीपेंद्र सिंह, केदारनाथ, छत्रपाल, भगवती शरण, दीनदयाल, अनिल जाटव, संत कुमार, अवधेश गौतम, उषा सिंह, आशा दोहरे, निशा, मलखान दोहरे, श्रद्धानंद वर्मा, प्रेम कुमार, रामलाल निरंजन, विनोद कुमार, अनिल दोहरे, मुकेश कुमार, रमेश कुमार सहित कई शिक्षक मौजूद थे।
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