
Jalaun : जालौन जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि जल संरक्षण, जल संवर्धन और जल संचयन को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिन हेडपंपों से जल प्राप्ति बंद हो चुकी है रिबोर योग्य नहीं रह गए है उन्हें रेन वाटर रिचार्ज वेल में परिवर्तित किया जाए, ताकि वर्षा के जल से भूमिगत जलस्तर में वृद्धि हो सके। उन्होंने अधिशासी अधिकारी एवं जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए कि इस कार्य को प्राथमिकता से पूरा किया जाए।उन्होंने निर्देश दिए कि सभी होटल, बारात घर, निजी विद्यालय, शिक्षण संस्थान तथा 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से स्थापित कराया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद की सभी गौशालाओं में वर्षा जल संचयन प्रणाली विकसित की जाए। गौशाला परिसर में बने शेडों के किनारों पर पाइप लाइनिंग द्वारा रिचार्ज वेल तैयार कर वर्षा के जल को संरक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि सोक पिट, बंधा, चेक डैम, तालाब आदि को “वॉटर बॉडी” के रूप में विकसित कर जल संरक्षण के स्थायी स्रोत तैयार किए जाएं। प्रत्येक विकास खंड में जल संरक्षण के मॉडल कार्यों की योजना बनाकर शीघ्र क्रियान्वयन किया जाए।
इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी प्रदीप यादव, विकास प्राधिकरण सचिव परमानंद यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्र प्रकाश, जल निगम एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।










