
Orai, Jalaun : उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के इतिहास में आज का दिन एक काला दिन माना जाएगा। आज तक इस संगठन में ऐसा भेदभावपूर्ण, फर्जी एवं अलोकतांत्रिक निर्णय इसके पूर्व के किसी भी जिला अध्यक्ष द्वारा नहीं लिया गया। उक्त बात शिक्षक नेता सिद्ध गोपाल राजपूत ने कही।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिलाध्यक्ष विद्यासागर मिश्रा ने फर्जी कार्य समिति से प्रस्ताव कराकर एक वर्ग विशेष का एकाधिकार स्थापित किया। इस क्रम में राजेश बाबू शुक्ला को ब्लॉक अध्यक्ष और अपने रिश्तेदार निर्दोष द्विवेदी को महामंत्री बनाकर संगठन की छवि को धूमिल किया गया। साथ ही जिला संगठन के साथ-साथ प्रदेशीय संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राधे रमण त्रिपाठी को भी इस प्रकरण में सम्मिलित करके उनकी छवि तथा प्रदेशीय नेतृत्व की छवि को भी धूमिल किया गया।
शिक्षकों ने आरोप लगाया कि ब्लॉक के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय बृजेंद्र सिंह राजपूत के देहांत के उपरांत उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाकर फर्जी कार्यकारिणी का गठन किया गया और जिला अध्यक्ष के द्वारा संगठन विरोधी व्यक्तियों एवं अपने रिश्तेदारों को पुरस्कृत एवं पद प्रदान किया गया।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के शिक्षक जिला अध्यक्ष द्वारा फर्जी रूप से घोषित किए गए अध्यक्ष एवं मंत्री का बहिष्कार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला अध्यक्ष विद्यासागर मिश्रा द्वारा की जाने वाली इस फर्जी घोषणा को सभी अध्यापक लोग प्रदेश नेतृत्व के पास ले जाएंगे और संगठन की छवि को धूमिल करने के मामले को संगठन के मुखिया दिनेश चंद्र शर्मा के समक्ष रखेंगे।
इस मौके पर सिद्ध गोपाल राजपूत, अजीत सर, नीरज निरंजन, चंद्र प्रकाश राजपूत, प्रदीप दीक्षित, दीपक पटेरया, शिवराम यज्ञिक, देवेंद्र सचान, शाह आलम, राहुल सांस्कृत्तियान, रामनारायण राजपूत, फेरन सिंह राजपूत, अजीत राजपूत, रामकुमार, बृजेंद्र सिंह, नीरज गुप्ता, पंकज गुप्ता, मनोज, प्रदीप निरंजन, अमित राजावत, बबलू कुमार, इंदल सिंह, उदयभान राजपूत, मनीष गुप्ता व अन्य शिक्षक मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के सदस्य जिला अध्यक्ष द्वारा की जाने वाली इस फर्जी घोषणा का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
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