
Orai, Jalaun : समायोजन–3 के अंतर्गत जारी सरप्लस शिक्षकों की सूची में पाई गई गंभीर विसंगतियों को लेकर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने कड़ा रुख अपनाया है। सोमवार को जिला मुख्यालय पर संघ का प्रतिनिधिमंडल प्रदेशीय कोषाध्यक्ष ठाकुरदास यादव के नेतृत्व में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चन्द्र प्रकाश एवं वित्त एवं लेखाधिकारी अजीत कुमार से मिला और समस्याओं से अवगत कराया।
संघ पदाधिकारियों ने बताया कि सरप्लस शिक्षकों की सूची शिक्षक–छात्र अनुपात में शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों को जोड़कर तैयार की गई है, जो शासनादेश और आरटीई अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अनुदेशकों को जोड़कर सभी शिक्षकों को सरप्लस घोषित कर दिया गया है, जबकि जूनियर विद्यालयों में 1 से 100 छात्र संख्या तक तीन शिक्षकों का स्पष्ट प्रावधान है।
संघ ने यह भी आरोप लगाया कि सरप्लस सूची में प्रधानाध्यापकों को भी शामिल किया गया है, जबकि संबंधित ब्लॉकों में किसी भी विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद रिक्त नहीं है। इसके अलावा SIR के तहत बीएलओ कार्य में लगे शिक्षकों पर समायोजन एवं स्थानांतरण पर रोक होने के बावजूद उन्हें भी सूची में शामिल किया गया है, जो नियमों की अनदेखी है।
संघ प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि समायोजन सूची में व्याप्त सभी विसंगतियों को शीघ्र दूर कर न्यायसंगत एवं नियमसम्मत समायोजन किया जाए। चेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो संगठन को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
वहीं वित्त एवं लेखाधिकारी से चयन वेतनमान से संबंधित स्वीकृत आदेशों के लंबित भुगतान तथा एक दिवसीय वेतन कटौती की राशि का भुगतान जनवरी माह में ही सुनिश्चित कराने की भी मांग रखी गई।
इस अवसर पर कार्यवाहक जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र चौहान, मंत्री आफ़ताब आलम, सभापति सुनील निरंजन, राघवेंद्र श्रीवास्तव, प्रताप भानु, योगेश निरंजन, अजय भदौरिया, तेजबहादुर चौहान, आकाश द्विवेदी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।











