
जालौन। माधौगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का एक और शर्मनाक उदाहरण सामने आया है। प्रसव पीड़ा से कराहती एक गर्भवती महिला घंटों तक इमरजेंसी वार्ड की फर्श पर पड़ी रही, लेकिन उसे समय पर इलाज नसीब नहीं हुआ। अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर मौजूद था और न ही किसी जिम्मेदार कर्मचारी ने उसकी सुध ली।
बता दें कि सोमवार रात कुठौंदा ग्राम निवासी फूल सिंह परिहार अपनी गर्भवती पुत्री को प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी लेकर पहुंचे थे। परिजनों का आरोप है कि इमरजेंसी वार्ड में ले जाने के बाद भी वहां कोई डॉक्टर या नर्स मौजूद नहीं थी, जिसके चलते महिला को मजबूरन जमीन पर लिटाना पड़ा। कई बार गुहार लगाने के बावजूद स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया, बल्कि शिकायत करने पर उन्हें डांटकर भगा दिया गया।

घंटों तक दर्द से तड़पती महिला को अंततः परिजन निजी अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज हुआ। इस दौरान सीएचसी के किसी भी अधिकारी या स्वास्थ्य कर्मी ने उनका हालचाल तक नहीं लिया। इस अमानवीय घटना का वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र देव शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के लिए जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। इस घटना ने सीएचसी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।