जालौन : मोहर्रम पर खून का मातम! दिखी अकीदत

जालौन। हर साल की तरह इस बार भी जालौन के उरई शहर के बजरिया इलाके में मोहर्रम की दसवीं, यौमे आशूरा के मौके पर शिया समुदाय द्वारा पारंपरिक मातम का जुलूस निकाला गया। यह जुलूस इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की शहादत को याद करते हुए निकाला गया, जिसमें अकीदतमंदों ने तलवार, कमा, जंजीर और छुरियों से खून का मातम कर अपनी अकीदत का इज़हार किया।

यौमे आशूरा का यह दिन इमाम हुसैन की शहादत का प्रतीक है, और शिया समुदाय द्वारा इस दिन को ग़म और मातम के साथ मनाया जाता है। उरई में निकाले गए इस जुलूस में बड़ी संख्या में शिया अनुयायी शामिल हुए, जिन्होंने इमाम हुसैन के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और दुख को प्रदर्शित करने के लिए खून का मातम किया। इस दौरान, या हुसैन की सदाओं से पूरा माहौल गूंज उठा, और मातम करने वालों की आँखों में आँसू और चेहरे पर ग़म साफ़ दिखाई दे रहा था।

सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा विशेष इंतजाम किए गए थे। जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। यह आयोजन उरई में सांप्रदायिक सद्भाव और धार्मिक सहिष्णुता का भी प्रतीक है, जहाँ सभी समुदाय के लोग एक-दूसरे के धार्मिक आयोजनों का सम्मान करते हैं।

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