जालौन। पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। जहां एक लाइनमैन को थाने में बिजली ठीक करने के बहाने बुलाया गया। फिर उसपर चोरी का आरोप लगाते हुए पुलिस ने उसकी उंगली तोड़ डाली। पुलिस के जंगल से छूटे पीड़ित लाइनमैन ने मामले की शिकायत कोच क्षेत्राधिकार को शिकायती पत्र सौंप कर की है।
जालौन के कैलिया में तैनात लाइनमैन शैलेन्द्र कुमार झा ने थाने में दरोगा पर मारपीट का आरोप लगाया है। पीड़ित ने सीओ से शिकायत कर दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। घटना 30 अप्रैल की शाम की है। कांस्टेबल सचिन परमार ने थाने की लाइट ठीक करने के लिए शैलेन्द्र को बुलाया। थाने पहुंचने पर उपनिरीक्षक मोहित यादव ने उन्हें क्षेत्र में हुई स्टार्टर चोरी में शामिल होने का आरोप लगाया। शैलेन्द्र के विरोध करने पर उपनिरीक्षक ने उनके साथ मारपीट की। इस दौरान उनकी दाहिने हाथ की मध्य अंगुली से खून निकल गया और वह टूट गई।
पीड़ित को रात 12 बजे तक थाने में बैठाए रखा गया। बाद में उनके रिश्तेदारों संजीव और सुरेशकुमार की जिम्मेदारी में छोड़ा गया। पुलिस ने धमकी दी कि शिकायत करने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। पीड़ित ने मेडिकल परीक्षण की मांग की है।
कैलिया थाना प्रभारी का कहना है कि स्टार्टर चोरी के मामले में कुछ लोगों ने लाइनमैन को संदिग्ध बताया था। इसलिए पूछताछ के लिए बुलाया गया था। स्टार्टर अन्य जगह से बरामद होने के बाद लाइनमैन को छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि थाने में कोई मारपीट नहीं हुई और सभी आरोप निराधार हैं।