
Jalaun : जालौन में उरई विकास प्राधिकरण द्वारा मौजा बड़ेरा कोटरा रोड पर प्रस्तावित एक बड़ी आवासीय योजना के खिलाफ बुधवार को गाँव के किसानों और निवासियों ने मोर्चा खोल दिया है। किसानों का आरोप है कि इस योजना के तहत लगभग 100 एकड़ की उपजाऊ कृषि भूमि के अधिग्रहण से उनके रोज़गार और आवास दोनों पर संकट आ जाएगा। किसानों ने प्रशासन से इस प्रस्ताव को तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो वे एक बड़े आन्दोलन के लिए मजबूर हो जाएंये।
दरअसल, उरई विकास प्राधिकरण ने शहर के विस्तार और आवासीय सुविधाओं के विकास के लिए मौजा बड़ेरा में कोटरा रोड के पास लगभग 100 एकड़ भूमि को चिन्हित किया है। प्राधिकरण का इरादा इस भूमि को अधिग्रहित करके एक नई आवासीय कॉलोनी विकसित करने का है।
वहीं, प्रभावित किसानों का कहना है कि यह भूमि ही उनकी आय और भोजन का एकमात्र जरिया है। उनके पास इसके अलावा न तो कोई अन्य रोजगार है और न ही किसी दूसरे मौजे में कोई जमीन। इस भूमि के अधिग्रहण का मतलब उनकी आर्थिक तबाही होगी। गाँव में ऐसे कई परिवार हैं जिन्होंने अपनी जमा पूँजी लगाकर छोटे-छोटे आवासीय प्लॉट खरीदे हैं। उनका एकमात्र प्लॉट है और उस पर ही उन्होंने भविष्य में मकान बनाने की योजना बना रखी है। योजना के कारण उनके इस सपने पर पानी फिर सकता है। किसानों के अनुसार, इस क्षेत्र के आस-पास पहले से ही बड़ी संख्या में किसानों के अपने आवासीय मकान बने हुए हैं।
मौजा बड़ेरा के किसानों और निवासियों ने बुधवार को एक शिकायत पत्र जिलाधिकारी को सौंपते हुए मौजा बड़ेरा कोटरा रोड को प्रस्तावित आवासीय योजना से बाहर करने की तत्काल मांग की है। किसानों बताया कि योजना को रद्द नहीं किया गया, तो वे एक बड़े आन्दोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे।