जालौन : चमारी गौशाला में बदइंतजामी पर डीएम सख्त, कई अफसरों-कर्मचारियों पर गिरी गाज

जालौन : गौशालाओं की व्यवस्थाओं को लेकर बार-बार दिए जा रहे निर्देशों के बावजूद जिम्मेदारों की लापरवाही पर जिलाधिकारी ने खुद निरीक्षण कर सख्त रुख अपनाया है। इसी क्रम में आज जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय और पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने चमारी गौशाला का औचक निरीक्षण किया, जहां बदइंतजामी देखकर संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और उनके विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।

निरीक्षण में गौशाला में करीब 600 गोवंश संरक्षित पाए गए, लेकिन भूसे की भारी कमी और साफ-सफाई का अभाव मिला। लगभग 100 गोवंश कमजोर और 15 बीमार हालत में पाए गए।

इस गंभीर लापरवाही पर जिलाधिकारी ने नोडल अधिकारी शिव लखन सिंह (सहायक अभियंता) द्वारा गौशालाओं का निरीक्षण न करने पर वेतन रोकते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए।
खंड विकास अधिकारी कदौरा प्रतिभा शाल्या का भी वेतन रोका गया और उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई।
पशु चिकित्सक अखिलेश त्रिपाठी के विरुद्ध भी वेतन रोकने और विभागीय कार्रवाई के साथ प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई।
ग्राम पंचायत अधिकारी शिवम कौशिक का वेतन रोकते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई और
गौशाला संचालिका व केयरटेकर के विरुद्ध अनुबंध उल्लंघन के दृष्टिगत कठोर कार्रवाई के आदेश दिए गए।

डीएम ने निर्देशित किया कि तत्काल गौशाला में पर्याप्त भूसे की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, और भूसा घर में हमेशा पर्याप्त मात्रा में भूसा मौजूद रहे। गौवंशों को सुबह-शाम चोकर, भूसा और हरा चारा नियमित रूप से दिया जाए।
पानी की व्यवस्था भी सुचारु रखी जाए और समय-समय पर पानी का बदलाव अनिवार्य किया जाए।

जिलाधिकारी ने गौशालाओं के नोडल अधिकारी जिला विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद की सभी गौशालाओं के लिए 82 नोडल अधिकारी तैनात हैं, जो भ्रमण निरीक्षण नियत प्रारूप पर नहीं कर रहे हैं और केवल खानापूर्ति कर रहे हैं। ऐसे सभी खंड विकास अधिकारियों एवं नोडल अधिकारियों के विरुद्ध पत्रावली प्रस्तुत कर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए और सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएं।

सभी नोडल अधिकारी अपनी-अपनी संबंधित गौशालाओं का नियमित निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि किसी भी स्तर पर गोवंशों की देखभाल में कमी न हो।
जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के शिथिल पर्यवेक्षण पर उन्हें भी प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी से करें और समय से गौशालाओं में बीमार गोवंशों का उपचार सुनिश्चित करें।
बार-बार निर्देशों के बावजूद यदि जनपद की किसी भी गौशाला में लापरवाही पाई गई तो वरिष्ठ स्तर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी कीमत पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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