Jalaun : तिब्बती मार्केट की अनुमति पर विवाद, व्यापारियों ने जताया विरोध

Jalaun : उरई नगर में बाहरी व्यापारियों द्वारा हिमालय बौद्धिस्ट मार्केट, विष्णु व तमांग, ज्ञानकेशी एवं किरण नाम से लगाए जा रहे गर्म कपड़ों की अस्थायी प्रदर्शनी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि इन दोनों मार्केटों को शहर के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से हटाया जाए, क्योंकि इससे एक ओर ट्रैफिक व्यवस्था चरमराती है, वहीं शहर के स्थायी व्यापारियों के कारोबार पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।

व्यापारियों का कहना है कि पूर्व वर्षों में तिब्बती मार्केट को जी.आई.सी. ग्राउंड जैसे खुले स्थानों पर लगाया जाता था, जहाँ किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती थी। परंतु इस वर्ष मार्केट संचालकों ने शहर के मध्य में स्थित संकरी गलियों और धार्मिक स्थलों के समीप अपनी दुकानें लगाई हैं। विशेष रूप से मामू भांजे मजार के पास और शहीद भगत सिंह चौराहा क्षेत्र में प्रदर्शनी लगाए जाने से जाम और अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

स्थानीय व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी से इस विषय में ज्ञापन देकर मांग की है कि पाठक जी के होते (राजश्री चश्मे वाली गली) सहित भीड़भाड़ वाले सभी क्षेत्रों में लगाए जा रहे ऐसे अस्थायी बाजारों की अनुमति रद्द की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बिना पार्किंग व्यवस्था और ट्रैफिक विभाग की स्वीकृति के प्रदर्शनी लगाए जाने से नगर की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लग गया है।

व्यापारियों ने प्रशासन से यह भी आग्रह किया है कि इन मार्केटों से संबंधित जीएसटी भुगतान और अतिक्रमण की जांच कराई जाए, ताकि नगर की वैध व्यापारिक गतिविधियाँ सुरक्षित रह सकें।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मार्ग की तंग गलियों में अतिक्रमण और बिना पार्किंग व्यवस्था के दुकानें लगने से दैनिक यातायात अव्यवस्थित हो रहा है। लोगों ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन इस मसले पर शीघ्र निर्णय लेगा, ताकि नगर की व्यवस्था और व्यापारिक संतुलन दोनों बरकरार रह सकें।

संतोष गुप्ता (व्यापार मंडल जिला अध्यक्ष), बबलू दुबे, संजय कुमार, उदय करण गुप्ता, बलवीर सिंह जादौन, बृजकिशोर, प्रदीप, भूपेंद्र आदि लोग मौजूद रहे।

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