जालौन : दोहरे हत्याकांड मामले में पूर्व BSP विधायक छोटे सिंह पर कोर्ट में साबित हो चुके आरोप, आज आएगा आएगा फैसला

जालौन। जिले में 31 साल पहले सगे भाइयों की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में पूर्व बसपा विधायक को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। उन्हें यह घटना प्रधानी के प्रधानी चुनाव की रंजिश को लेकर हुई थी। मामले में 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था। बाकी आरोपियों को कोर्ट से स्टे करार मिल गया था।

चुर्खी थाना क्षेत्र के बिनौरा वैध गाँव में 30 मई 1994 की दोपहर साढ़े बारह बजे प्रधानी चुनाव की रंजिश को लेकर गांव के ही राजकुमार उर्फ राजाभइया व जगदीश शरण की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। और जगदीश के भाई राम राजकुमार और पुलिस को तहरीर दी थी। इसमें बताया था कि 30 मई 1994 को व्रह अपने कोठी वाले मकान के बरामदे में बड़े भाई जगदीश शरण, राज कुमार उर्फ राजा भैया, भतीजे कुलदीप कुमार, जीजा रामेंद्र सेन व गांव के ही वीरेंद्र सिंह व राम करन तिवारी के साथ बैठकर बातचीत कर रहा था।

इसी दौरान गांव के ही रुद्रपाल सिंह उर्फ लल्ले गुर्जर, राजा सिंह, संतावन सिंह गुर्जर, करन सिंह उसके फाटक के अंदर घुस आए। सभी लोग हाथों में बंदूकें व राइफल लिए थे। रुद्र ने चिल्लाकर कहा कि सभी को घेर लो कोई जिंदा न बच पाए। इसके बाद इन लोगों ने बंदूक और राइफलों से फायरिंग कर दी।

वही गोली लगने से उसके भाई राजकुमार उर्फ राजा भइया व जगदीश की मौके पर ही मौत हो गई थी। वीरेंद्र घायल हो गया था। वादी की ओर से उर्फ लल्ले को प्रधानी का चुनाव लड़ना था। गांव के ही प्रधान जगदीश शरण श्रीवास्तव से कई बार कहासुनी हुई थी। इसी को लेकर राजकुमार उनसे रंजिश मानने लगे थे। इसी को लेकर पूरी घटना को अंजाम दिया गया था। विवेचना में पूर्व विधायक के शामिल होने के सबूत मिले थे। इस पर विवेचक आरोप पत्र दाखिल किया था।

पुलिस की विवेचना में दोहरे हत्या कांड में छोटे सिंह व अखिलेश कृष्ण मुरारी, बच्चा सिंह, छुन्ना सिंह के नाम शामिल किए गए थे। 18 फरवरी 1995 को सभी आरोपियों का मुकदमा जिला एवं सत्र न्यायालय में शुरू हुआ था। वर्ष 2007 में बसपा के टिकट पर कालपी विधान सभा से छोटे सिंह चौहान विधायक बन गए थे।

हाईकोर्ट से जमानत होने के बाद, केस को उत्तर प्रदेश सरकार एर्व राज्यपाल द्वारा वापस लिया गया था। छोटे सिंह की पत्रावली अपर सत्र एफटीसी से दिनांक 19 मई 2005 सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जहां से से समाप्त कर दिया गया। वादी ने राज्यपाल के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया और एमपी एमएलए कोर्ट में शीघ्र सुनवाई का आदेश दिया था। इसी में सोमवार छोटे सिंह चौहान को दोषी करार किया गया है। अब फैसला 11 दिसंबर को सुनाया जाएगा।

रुद्रपाल सिंह सिंह उर्फ लल्लने में ही रहा करते थे। दोनों के परिवारों में भी खासा संपर्क हो गय था। इसी दौरान छात्र संघ के चुनाव में लल्ले गुर्जर को संघ के लिया गया था। वहीं कालपी कॉलेज से छोटे सिंह अध्यक्ष बन गए थे। इसी को लेकर छोटे सिंह व लल्ले की गहरी दोस्ती हो गई थी।

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