Jalaun : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 964 जोड़ों ने लिए सात फेरे

  • जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने दिया आशीर्वाद

Jalaun : जालौन के नवीन गल्ला मंडी, कालपी रोड उरई में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत भव्य समारोह में 964 जोड़ों का विवाह हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। समारोह में जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देकर उनके सुखद व उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. घनश्याम अनुरागी, विधान परिषद सदस्य रमा निरंजन, सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा, माधौगढ़ विधायक मूलचंद्र निरंजन, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी, जल शक्ति मंत्री के प्रतिनिधि अरविंद चौहान, एमएलसी शिक्षक प्रतिनिधि मयंक त्रिपाठी, जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने नवविवाहित जोड़ों को विवाह प्रमाणपत्र वितरित किए और उनके मंगलमय जीवन की शुभकामनाएँ दीं।

जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. घनश्याम अनुरागी ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना समाज के अंतिम छोर तक पहुँच रही है। यह योजना न केवल गरीब परिवारों के लिए आर्थिक सहयोग का माध्यम है, बल्कि समाज में सामाजिक समरसता व सद्भाव का सशक्त उदाहरण भी है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी धर्मों व समुदायों के बीच एकता और भाईचारे का संदेश दिया जा रहा है।
विधान परिषद सदस्य रमा निरंजन ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य जरूरतमंद परिवारों को सम्मानजनक तरीके से सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन समाज में समानता, सहयोग और सौहार्द को सुदृढ़ करते हैं।

सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा ने कहा कि यह योजना गरीब परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इससे न केवल आर्थिक बोझ कम होता है, बल्कि समाज में बेटियों के सम्मान को भी नई ऊँचाई मिलती है। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें शिक्षा व रोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

माधौगढ़ विधायक मूलचंद्र निरंजन ने कहा कि पहले गरीब परिवारों के लिए बेटियों का विवाह कराना कठिन कार्य होता था और कई बार उन्हें कर्ज लेना पड़ता था। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने उस चिंता को समाप्त कर दिया है। आज सभी धर्मों व समुदायों की परंपराओं का सम्मान करते हुए विवाह संपन्न कराए जा रहे हैं।

कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी ने कहा कि इस योजना ने सामाजिक समानता की भावना को सशक्त किया है। इससे समाज में भेदभाव मिटाकर एकता का वातावरण बन रहा है। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार गरीबों, वंचितों और कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए सतत प्रयत्नशील है।

जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के विवाह में सहयोग देना है। उन्होंने बताया कि अब योजना की सहायता राशि ₹51,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 प्रति जोड़ा कर दी गई है। इसमें ₹60,000 की धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे कन्या के खाते में, ₹25,000 विवाह सामग्री (वस्त्र, बर्तन, फर्नीचर आदि) पर तथा ₹15,000 विवाह आयोजन की व्यवस्थाओं (टेंट, भोजन आदि) पर व्यय की जाती है।
उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है, बल्कि समाज में सामाजिक एकता और सहयोग की भावना को भी सुदृढ़ कर रही है।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी के.के. सिंह, परियोजना निदेशक अखिलेश तिवारी, समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने नवविवाहित जोड़ों को शुभकामनाएँ दीं और उनके सुखद, समृद्ध एवं मंगलमय वैवाहिक जीवन की कामना की।

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