
- वृद्ध कलाकारों की मासिक पेंशन 2000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 4000 रुपये किये जाने के निर्देश
- कलाकारों के लिए कलाकार कल्याण बीमा योजना शुरू होगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने संस्कृति विभाग उप्र की आज पर्यटन भवन में समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोक कलाकारों के लिए कलाकार कल्याण बीमा योजना शुरू की जाए। इसके साथ ही कलाकारों के पंजीकरण से लेकर कार्यक्रम आवंटित एवं भुगतान किये जाने तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया पारदर्शी बनायी जाये। किसी भी कलाकार को कार्यक्रम आवंटित करते समय इस संबंध में जारी शासनादेश का 100 फीसदी पालन सुनिश्चित किया जाए।
कार्यक्रमों के आवंटन में भेदभाव पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजा जायेगा। उन्होंने वृद्ध कलाकारों की मासिक पेंशन 2000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 4000 रुपये किये जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव संस्कृति रवीन्द्र कुमार-1, अपर निदेशक संस्कृति श्रृष्टि धवन के अलावा अमित अग्निहोत्री एवं बड़ी संख्या में आरटीओ एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
जयवीर सिंह ने संस्कृति विभाग की गहन समीक्षा करते हुए कई प्रकरणों में स्थापित प्रक्रिया का पालन न किये जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने भविष्य में ऐसा न किये जाने के लिए चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि पेंशन पाने के योग्य वृद्ध कलाकारों की तालाश हेतु विज्ञापन निकाल कर उन्हें पेंशन की सुविधा सुलभ करायी जाए।
इसके साथ ही प्रदेश के लोक कलाकारों का व्हाट्सअप ग्रुप भी बनाया जाये, जिससे उनसे संबंधित सूचना प्राप्त होती रहे। उन्होंने कार्यक्रम आवंटित होने पर 50 प्रतिशत की धनराशि अग्रिम देने तथा कार्यक्रम सम्पन्न होने के एक सप्ताह के अन्दर पूरा भुगतान दिये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी कलाकारों को समान रूप से कार्यक्रम आवंटित किये जाएं।
पर्यटन मंत्री ने यह भी निर्देश दिये किये 01 अप्रैल, 2025 से कार्यक्रमों के आवंटन में शतप्रतिशत शासनादेश का अनुपालन किया जाय। बड़े एवं मंहगे कलाकारों की जगह स्थानीय कलाकारों को मौका दिया जाय, इससे पंजीकृत सभी कलाकारों को प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। कलाकारों को कार्यक्रम आवंटन से लेकर भुगतान की कार्रवाई के अनुश्रवण के लिए पांच सदस्सीय समिमि गठित की जाय।
इसके अलावा वृद्ध एवं विपन्न कलाकारों की हालचाल जानने के लिए उन्हें टेलीफोन से सम्पर्क किया जाए। उन्होंने रेडियो जयघोष की क्षमता बढ़ाने तथा इसके कार्यक्रमों से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने का सुझाव दिया। कलाकारों के लिए वर्षभर की योजना/समय सारणी तैयार करायी जाए।
पर्यटन मंत्री ने वाद्य यंत्रों की खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने एवं शासकीय धन का दुरूपयोग रोकने के लिए गत वित्तीय वर्ष में क्रय किये गये वाद्य यंत्रों की गुणवत्ता की जांच एवं बिना वितरित किये गये वाद्य यंत्रों की गिनती तथा इस वर्ष खरीदे जाने वाले वाद्य यंत्रों के लिए रणनीति तैयार किये जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने वित्तीय वर्ष 2023-24 में खरीदे गये वाद्य यंत्रों का वितरण नही हुआ है उसकी जांच के निर्देश दिए। इसी के साथ उन्होंने विलुप्त होते जा रहे वाद्य यंत्रों को संरक्षित करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किये जाने के निर्देश दिए। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के अंतर्गत दूसरे राज्यों से यहां आने वाले कलाकारों को जो सुविधाएं दी जाती है, उसी तरह उत्तर प्रदेश के कलाकार जो दूसरे राज्यों में कार्यक्रम देने जाते हैं उनको भी मिलना चाहिए।
जयवीर सिंह ने मूर्तियों का निर्माण अधिकतम तीन माह के अन्दर करने के निर्देश दिए। इसके अलावा वृंदावन शोध संस्थान के कर्मचारियों की आडिट तथा विभाग के संस्थानों में कलाकारों का भ्रमण कराये जाने के लिए माध्यमिक, प्राथमिक और उच्च शिक्षा के प्रमुख सचिवों एवं निदेशकों को पत्र भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने रिक्त पदों की भरने की कार्रवाई, पदोन्नति, अनुशासनिक प्रकरणों, लम्बित जांच की समीक्षा तथा अधियाचन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म स्थान पर निर्मित सांस्कृतिक संकुल, स्मारक आदि का प्रबंधन एवं संचालन जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद आगरा के माध्यम से कराये जाने के निर्देश दिए।
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