महाकुम्भ में डिजिटल प्रदर्शनी पंडाल से प्रमुख स्थलों के होंगे दर्शन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पर्यटन द्वारा महाकुम्भ-2025 प्रयागराज के अवसर पर डिजिटल प्रदर्शनी पंडाल की स्थापना की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य महाकुम्भ में देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं को राज्य में व्याप्त पर्यटन की असीम संभावनाओं से परिचित कराना है। यह महाकुम्भ-2025 की अवधारणा (दिव्य, भव्य एवं डिजिटल) पर आधारित है।

यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी पंडाल में एनामार्फिक डिजिटल वॉल के माध्यम से उत्तर प्रदेश के पर्यटन गंतव्यों को प्रदर्शित किया गया है। पंडाल में आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं को महाकुम्भ के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के पर्यटन गन्तव्यों को प्रदर्षित कर वहां भ्रमण हेतु प्रेरित करने का प्रयास किया गया है। पंडाल में ईको टूरिज्म सें सम्बन्धित गन्तव्यों स्थल पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। इस पंडाल की समृद्ध संस्कृति का भी प्रदर्शन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश इसके अलावा उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध हस्तशिल्प उत्पाद को भी दर्शाया जा रहा है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश की समृद्धशाली सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक विरासत को एक पण्डाल में प्रदर्शित किया जा रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश पर्यटन से संबंधित आनलाइन क्वीज का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र डिजिटली प्रदान किया जायेगा। इस प्रदर्शनी पंडाल में विभाग द्वारा पर्यटन गन्तव्यों पर निर्मित कराई गई एआर-वीआर फिल्मों को प्रदर्शित किया जा रहा है। पर्यटकों को प्रदर्शनी पंडाल से ही पर्यटन गन्तव्यों का 360 डिग्री व्यू देखने को मिलेगा।

जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रयागराज के रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन के साथ-साथ महाकुंभ क्षेत्र में परेडग्राउंड, नागवासुकी मंदिर, अरैल आदि स्थान पर्यटन सूचना केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में तीव्र गति से विकास करने वाला राज्य है। घरेलू पर्यटन के मामले में यूपी पहले स्थान पर है। विदेशी पर्यटकों के आगमन में भी यह उपलब्धि हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें