
जैसलमेर : जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ में दिवाली की रात दो परिवारों की खुशियों का काला धब्बा बन गया। अनाज कारोबारी मदनलाल सारस्वत और उनके मुनीम रेवंतराम को धारदार हथियारों से बेरहमी से मार दिया गया। हत्या की यह घटना तीन दिन बाद भी पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है, और अभी तक किसी को पकड़ने का सुराग नहीं मिला है।
शव दिवाली के अगले दिन घर में पूजा से पहले ही मिले, जिससे स्पष्ट है कि दोनों की हत्या लक्ष्मी पूजन से पहले कर दी गई थी।
घटना का विवरण
- हत्या 20 अक्टूबर की रात हुई।
- मदनलाल सारस्वत और उनके मुनीम रेवंतराम के शव बाहर वाली दुकान के सामने पाए गए।
- पुलिस ने पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिए, लेकिन हत्या के कारण और हत्यारे अभी अज्ञात हैं।
पुलिस के अनुसार, मदनलाल ने हत्या से कुछ घंटे पहले अपनी कार का टैंक फुल करवाया था ताकि पूजा के बाद वह बीकानेर लौट सकें। पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज में वह दिखाई दे रहे थे। वारदात के बाद हत्यारे कारोबारी की कार लेकर फरार हुए। घटनास्थल पर बिखरे दीपक भी यह साबित करते हैं कि मदनलाल अपने घर के उत्सव की तैयारी में थे।
हत्या का पहला पता
21 अक्टूबर की सुबह करीब 8:30 बजे, मोहनगढ़ कस्बे से 6 किलोमीटर दूर नई मंडी में हनुमान मंदिर के पुजारी पोकर पुरी ने खून से लथपथ शव देखे और तुरंत स्थानीय लोगों और पुलिस को सूचना दी।
पीड़ितों की जानकारी
- मदनलाल सारस्वत: बीकानेर जिले के सेरूणा के निवासी, मोहनगढ़ में दो दुकानें
- रेवंतराम (मुनीम): बीकानेर जिले बिग्गा गांव के निवासी, लंबे समय से मदनलाल के साथ काम कर रहे थे
दोनों का प्लान था कि पूजा के बाद बीकानेर लौटेंगे।
पुलिस जांच
पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल्स की मदद से हत्यारों की तलाश में लगी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही दोनों हत्याओं का पर्दाफाश किया जाएगा।
स्थानीय व्यापारी इस डबल मर्डर केस से सहमे हुए हैं और प्रशासन से तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।