
जैसलमेर : जैसलमेर बस अग्निकांड की तकनीकी जांच सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (सीआईआरटी) पुणे की टीम करेगी। यह टीम घटनास्थल पर जाकर जांच-पड़ताल करेगी। यह टीम हादसे की वजह, किसकी लापरवाही, क्या कमियां रही, किसकी जिम्मेदारी थी, इन बिंदुओं पर काम करेगी और राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी इस हादसे के बाद एक्शन में आए परिवहन विभाग ने मामले की गहराई से जांच के लिए जयपुर से विशेष टीम भेजी है।
इस टीम का नेतृत्व जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ओ.पी. बुनकर कर रहे हैं। उन्होंने मौके पर पहुंचकर बस यार्ड का निरीक्षण किया और हादसे के तकनीकी कारणों की जानकारी ली।
बुनकर ने शुक्रवार को बताया कि भविष्य में जैसलमेर जैसी घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए बस निर्माण करने वाली कंपनियों की भी जांच की जाएगी। इसके लिए विभाग ने एक विशेष मॉनिटरिंग कमेटी गठित की है, जो उन वर्कशॉप्स और फैक्ट्रियों का निरीक्षण करेगी, जहां बसों की बॉडी बनाई जाती है। इसके साथ ही जैसलमेर में पांच निजी एसी बसों को भी जब्त किया है जो नियमों का पालन नहीं कर रही थी। बुनकर ने बताया कि घटना की तकनीकी जांच के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट पुणे की टीम भी जल्द जैसलमेर पहुंचेगी। यह एजेंसी घटनास्थल का निरीक्षण कर दुर्घटना के वास्तविक कारणों की पड़ताल करेगी और आगे ऐसी घटनाएं रोकने के सुझाव भी देगी।
बुनकर ने बताया कि राज्य में संचालित स्लीपर बसों की जांच लगातार की जा रही है। अब तक 1400 बसों का निरीक्षण किया जा चुका है, जिनमें से 162 बसों को नियमों के उल्लंघन पर जब्त किया गया है।
हादसे में जिस केके ट्रेवल्स की बस में आग लगी थी, उस कंपनी के यार्ड का निरीक्षण परिवहन विभाग की टीम ने किया। वहां कुल 66 बसें खड़ी मिलीं, जिनमें से 35 बसों की जांच अब तक पूरी की जा चुकी है। इनमें से 10 बसों में बॉडी निर्माण से जुड़ी गंभीर खामियां पाई गई हैं, और वे जांच के घेरे में हैं।