जयराम ठाकुर ने सरकार पर बजट सत्र छोटा करने का लगाया आरोप

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। विपक्ष ने सत्र की अवधि कम करने को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार सदन में जवाब देने से बचने के लिए सत्र को छोटा कर रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, नशे की बढ़ती समस्या और कर्मचारियों के हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है, लेकिन सरकार इन मुद्दों से बचने के लिए सत्र की अवधि को सीमित कर रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शनिवार को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में भाजपा महिला मोर्चा द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय महिला दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने बजट सत्र के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लिया और विपक्ष की ओर से सत्र के दौरान सरकार को घेरने की मंशा जाहिर की।

सत्र छोटा होने से कई अहम मुद्दों पर नहीं हो सकेगी चर्चा

जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के सामने कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर सदन के भीतर जवाब देना मुश्किल है। इसी कारण सरकार ने सत्र को छोटा करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि चार दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा और चार दिन बजट पर चर्चा में निकल जाएंगे जिससे विपक्ष के पास अन्य ज्वलंत मुद्दों को उठाने के लिए समय ही नहीं बचेगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है। युवाओं को नशे का शिकार बनाया जा रहा है और चिट्टे जैसी खतरनाक नशे की लत के कारण युवा अपनी जान गंवा रहे हैं। इसके अलावा कर्मचारियों को समय पर पेंशन नहीं मिल रही है, आउटसोर्स कर्मियों को सात-सात महीने से वेतन नहीं मिला है और सरकार डेढ़ लाख खाली पदों को समाप्त कर चुकी है। इसके अलावा 10 हजार आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकाला जा चुका है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार केंद्र सरकार से मिलने वाली विकास राशि को केवल वेतन और पेंशन में खर्च कर रही है जिससे विकास कार्य ठप हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार न तो युवाओं को रोजगार देने के लिए गंभीर है और न ही कर्मचारियों के हितों के प्रति संवेदनशील। विपक्ष चाहता है कि इन तमाम मुद्दों पर सदन के भीतर विस्तृत चर्चा हो लेकिन सरकार जवाब देने से बचने के लिए सत्र को सीमित कर रही है।

बजट सत्र को बढ़ाने की मांग

जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि बजट सत्र को बढ़ाया जाए ताकि प्रदेश से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर चर्चा हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार अगर सच में पारदर्शिता में विश्वास रखती है तो उसे विपक्ष के सवालों का सामना करने से नहीं डरना चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, बढ़ती बेरोजगारी, नशे के बढ़ते प्रचलन और कर्मचारियों के अधिकारों जैसे विषयों पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए, लेकिन सरकार इन विषयों पर बात करने से बच रही है।

हिम केयर योजना में बदलाव पर भी उठाए सवाल

जयराम ठाकुर ने हिम केयर योजना में संभावित बदलाव को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अब हिम केयर योजना का स्वरूप बदलने की तैयारी में है, जिससे आम आदमी को नुकसान होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस योजना में अपना नाम जोड़ने की फिराक में है और इसके लिए योजना के मौजूदा प्रारूप में बदलाव किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पहले ही इस योजना के दायरे से कई जरूरतमंद लोगों को बाहर कर दिया गया है और अब योजना में और बदलाव कर इसे कमजोर करने की तैयारी हो रही है। उन्होंने सरकार से मांग की कि हिम केयर योजना को अपने पुराने स्वरूप में ही चलाया जाए ताकि गरीब और जरूरतमंद लोग स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले सकें।

महिलाओं के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र

कार्यक्रम के दौरान जयराम ठाकुर ने महिला दिवस के मौके पर देशभर की महिलाओं को बधाई दी और कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देना एक ऐतिहासिक निर्णय है।

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