
जयपुर। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा कथित वोट चोरी के मामले का खुलासा करने के बाद चुनाव आयोग और कांग्रेस के बीच विवाद तेज हो गया है। इस मुद्दे पर अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं और कहा कि आयोग को मीडिया के सामने एक्टिंग छोड़कर राहुल गांधी के सवालों का जवाब देना चाहिए।
गहलोत ने शनिवार को एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में कहा कि इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि चुनाव आयोग लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष से शपथ पत्र मांगे। उन्होंने कहा कि जब वे केंद्र में सत्ता में थे, तब विपक्ष के नेताओं से सवाल-जवाब होते थे, लेकिन कभी ऐसा व्यवहार नहीं किया गया।
गहलोत ने जोर देकर कहा कि यह मामला केवल राजनीतिक नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती और आम नागरिक के वोट देने के अधिकार का मुद्दा है। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी और उनकी टीम ने कर्नाटक में 1,25,000 वोटों की कथित चोरी का मामला पकड़ा, जबकि गुरुवार को एक और जगह 6,000 वोटों की चोरी का मामला सामने आया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वोट चोरी की खबरों से लोगों में संदेह पैदा हो रहा है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं और सरकार के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष आंकड़ों के साथ अपनी बात कह रहे हैं, तो आयोग को सम्मानपूर्वक जवाब देना चाहिए। उन्होंने ईवीएम और वीवीपैट पर भी चिंता जताई, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके संभावित गड़बड़ी की संभावना पर ध्यान देने को कहा था।
राहुल गांधी का मुद्दा हर देशवासी का मुद्दा
गहलोत ने कहा कि वोट चोरी सिर्फ राहुल गांधी या कांग्रेस का मामला नहीं है, बल्कि यह हर देशवासी का अधिकार है। उन्होंने सभी नागरिकों—**युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं—**से आगे आने और इस मुद्दे पर आवाज उठाने की अपील की। उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा कि चुनाव आयोग के पक्ष में खड़े होने की बजाय भाजपा को भी इस मुद्दे पर सवाल उठाने चाहिए।
परमाणु बिजली घर का राजस्थान को लाभ
पूर्व मुख्यमंत्री ने बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि वहां परमाणु बिजली घर का शिलान्यास होने जा रहा है। यह प्रोजेक्ट 2002 में शुरू हुआ था, लेकिन विभिन्न कारणों से लंबित रहा। गहलोत ने कहा कि इससे राजस्थान में बिजली की समस्या का आंशिक समाधान होगा। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट में कनाडा समेत कई अंतरराष्ट्रीय सहयोग शामिल हैं, और बिजली का कुछ हिस्सा प्रदेश को भी मिलेगा।