नई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इस्रो) ने अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में ऐतिहासिक उपलब्धि की ओर एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। रविवार तड़के स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (स्पाडेक्स) मिशन के तहत, दो सैटेलाइट्स एडीएक्स01 (चेसर) और एसडीएक्स02 (टारगेट) के बीच सफलतापूर्वक 15 मीटर की दूरी तक ट्रायल पूरा हुआ। इसके बाद दोनों सैटेलाइट्स एक-दूसरे से मात्र 3 मीटर की दूरी तक पहुंचे।
इस्रो ने कहा कि सैटेलाइट्स ने पहले 15 मीटर और फिर 3 मीटर तक पहुंचने का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही अब अंतरिक्ष यानों को सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया जा रहा है। डॉकिंग प्रक्रिया आगे के डेटा विश्लेषण के बाद पूरी कर ली जाएगी।
यहां बताते चलें कि इससे पहले इसरो का अपडेट तब आया था, जबकि 10 जनवरी को इन सैटेलाइट्स के बीच की दूरी 230 मीटर थी। यह मिशन अंतरिक्ष में डॉकिंग के उद्देश्य से किया गया है, जो भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसी के साथ एजेंसी अब भारतीय ग्राउंड स्टेशनों का वेट कर रही है, ताकि वे वास्तविक डॉकिंग प्रयोग के लिए सिग्नल प्राप्त कर सकें यह प्रयोग पहले 7 जनवरी को निर्धारित था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण इसे 9 जनवरी तक स्थगित कर दिया गया था।
अंतत: डॉकिंग प्रक्रिया का ट्रायल सफल रहा और सैटेलाइट्स 3 मीटर की दूरी पर पहुंचने के बाद, उन्हें सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया गया। इस्रो अब ग्राउंड स्टेशनों से सिग्नल प्राप्त कर, वास्तविक डॉकिंग प्रक्रिया को अंजाम देगा। गौरतलब है कि पहले यह ट्रायल 7 जनवरी को होना था, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे 9 जनवरी तक स्थगित किया गया था और इसके बाद 12 जनवरी रविवार तड़के इसे पूरा कर लिया गया।