
ईरान के राष्ट्रपति मसोउद पेज़ेश्कियन ने एक सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि इजरायल ने उनकी हत्या की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस घटना में अमेरिका का कोई हाथ नहीं था और सीधे तौर पर इस हमले के लिए इजरायल जिम्मेदार है। साथ ही, पेज़ेश्कियन ने अमेरिकी राष्ट्रपति से क्षेत्र में शांति कायम करने की अपील की है, न कि युद्ध को बढ़ावा देने की।
हाल ही में ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले संघर्ष के बाद, पेज़ेश्कियन ने एक इंटरव्यू में यह बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि वह एक बैठक के दौरान थे, तभी उस क्षेत्र में बमबारी की गई, जिसमें उनका जीवन संकट में पड़ गया था। यह हमला ईरान-इजरायल के बीच जारी विवाद के दौरान हुआ, और इसने फिर से मध्य पूर्व में तनाव को गहरा कर दिया है।
राष्ट्रपति ने सीधे तौर पर इजरायल को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस हमले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने अपने बयान में कहा, “यह इजरायल का कार्य है, जिसने मुझे मारने की कोशिश की।”
गौरतलब है कि 13 जून को इजरायल ने ईरान के खिलाफ एक बड़ा हमला किया था, जिसमें कई शीर्ष सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। यह कार्रवाई तब हुई जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते पर बातचीत शुरू होने वाली थी।
इस संघर्ष में ईरान के अनुसार, करीब 900 से अधिक लोग मारे गए, जबकि इजरायल ने दावा किया कि उसकी ओर से 28 लोग ही हताहत हुए हैं। 24 जून को दोनों पक्षों ने युद्धविराम कर दिया।
पेज़ेश्कियन ने कहा कि ईरान फिर से अमेरिका के साथ परमाणु वार्ताओं को शुरू करने का इच्छुक है, लेकिन उसके लिए भरोसे की बहाली जरूरी है। उन्होंने सवाल किया, “जब बातचीत शुरू हो, तो कैसे सुनिश्चित किया जाए कि इजरायल फिर से हमला करने की अनुमति नहीं पाएगा?”
अंत में, उन्होंने अमेरिका से अपील की कि यदि प्रतिबंध हटाए जाते हैं, तो यह निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत होगा। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से क्षेत्र को युद्ध की ओर न ले जाकर शांति की दिशा में कदम उठाने की गुहार लगाई।