शिव प्रकाश शर्मा
मथुरा। जिला पंचायत राज अधिकारी ने अनियमितता बरतने के आरोपी में दो ग्राम पंचायत सचिवों के खिलाफ कार्रवाही की है। दोनों सचिवों को निलंबित कर कर दिया गया है। प्रधान के खिलाफ भी कार्रवाई के संकेत मिले हैं। दोनों ग्राम पंचायत सचिवों पर पंचायत भवन निर्माण में अनियमितता बरतने के आरोप लगे हैं। एसडीएम द्वारा कराई गई जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद कार्रवाही की गई है।
नौहझील ब्लॉक की ग्राम पंचायत सुहागपुर में पंचायत घर का निर्माण भूमि प्रबंधन समिति सुहागपुर की बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार नियत स्थान पर न करा कर गौचरण की भूमि पर कराया जा रहा था, जिस पर लगातार तहसील दिवस में शिकायतें मिल रही थीं। जिस पर उप जिलाधिकारी मांट इंद्र नंदन सिंह द्वारा जांच की गई तो पाया गया कि निर्माण कार्य में अनियमितता बरती जा रही है तथा पंचायत घर को गौचरण की भूमि पर बनाया जा रहा है। इस संबंध में जिला पंचायत अधिकारी किरण चैधरी द्वारा भी कई बार ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सचिव को सख्त हिदायत दी गई थी लेकिन बावजूद इसके निर्माण कार्य बंद नहीं किया गया। इस पर अधिकारियों द्वारा पंचायत घर को तोड़ने का आदेश दिया गया। इसके अलावा जिला पंचायत राज अधिकारी ने नानक राम ग्राम पंचायत अधिकारी सुहागपुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
इसी तरह के आरोप ग्राम पंचायत नौहझील के सचिव पर भी लगे हैं। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने के क्रम में जिला पंचायत राज अधिकारी किरण चैधरी ने ग्राम पंचायत अधिकारी अनु कुमार को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है तथा ग्राम पंचायत नौहझील की विस्तृत जांच पृथक से की जा रही है। जिला पंचायत अधिकारी ने कहा है कि निर्माण कार्यों में नियमों एवं मानकों की अवहेलना कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि सचिव और ग्राम प्रधान शासन की मंशा के अनुरूप कार्य नहीं करेंगे तो उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग सदैव गांव के विकास की बात करता है तथा सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहता है। लेकिन शासन की मंशा के विरुद्ध और विभागीय आदेशों के विरुद्ध कोई भी मनमानी करेगा तो उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।