भारत में महंगी MBBS पढ़ाई के बीच ईरान बन रहा मेडिकल छात्रों की नई पसंद, जानिए क्यों

भारत में MBBS की पढ़ाई का सपना देख रहे लाखों छात्रों के लिए निजी मेडिकल कॉलेजों की आसमान छू रही फीस एक बड़ी चुनौती है। यहां प्राइवेट कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस 50 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक होती है, जो आम परिवारों के लिए बहुत बड़ी रकम है। यही कारण है कि हर साल हजारों छात्र विदेशों का रुख करते हैं, और अब इस सूची में ईरान तेजी से उभरकर सामने आया है।

भारत में NEET की मारामारी, ईरान में सुनहरा मौका

भारत में हर साल लगभग 20 लाख छात्र NEET की परीक्षा देते हैं, लेकिन सरकारी मेडिकल सीटें सिर्फ करीब 1 लाख होती हैं। इस कठिन प्रतिस्पर्धा में कई योग्य छात्रों को भी मौका नहीं मिल पाता। ऐसे में ईरान जैसे देश छात्रों के लिए कम खर्च में बेहतर विकल्प बनकर सामने आ रहे हैं।

  • ईरान में MBBS की फीस मात्र 15 से 25 लाख रुपये होती है।
  • वहीं, रहने और खाने का खर्च भी बेहद कम – लगभग 10 से 12 हजार रुपये प्रति महीना।

एडमिशन प्रक्रिया सरल, बिना अलग परीक्षा के मिलता है दाखिला

ईरान की मेडिकल यूनिवर्सिटीज में NEET स्कोर के आधार पर सीधा एडमिशन मिलता है। छात्रों को किसी अलग प्रवेश परीक्षा की जरूरत नहीं होती। साथ ही, विदेशी यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने का इंटरनेशनल टैग करियर में अतिरिक्त मौका और अनुभव प्रदान करता है।

ये हैं ईरान की प्रमुख मेडिकल यूनिवर्सिटीज

ईरान में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों में अध्ययन करते हैं, जैसे:

  • तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज
  • शाहिद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज
  • इस्लामिक आज़ाद यूनिवर्सिटी
  • हमादान यूनिवर्सिटी
  • गोलेस्तान यूनिवर्सिटी
  • केरमान यूनिवर्सिटी

इन संस्थानों में पढ़ने वाले ज्यादातर भारतीय छात्र जम्मू-कश्मीर से होते हैं।

जब युद्ध बना चिंता का कारण

हाल ही में ईरान और इज़राइल के बीच सैन्य तनाव के चलते भारत के लिए स्थिति चिंताजनक हो गई थी, क्योंकि ईरान में लगभग 10,000 भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें से 1,500 से अधिक छात्र हैं। इसी खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने इन छात्रों की सुरक्षा के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ चलाया, जिसके ज़रिए छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई।

भारत में प्रैक्टिस करना है तो FMGE ज़रूरी

ईरान से MBBS करने के बाद भारत में डॉक्टर की प्रैक्टिस शुरू करने से पहले छात्रों को FMGE (Foreign Medical Graduate Examination) पास करनी होती है। यह परीक्षा मुश्किल मानी जाती है और पास करने के बाद भी एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप करनी होती है।

हालांकि, कई राज्यों में इंटर्नशिप सीटों की भी कमी देखी जाती है, जो एक और चुनौती बन जाती है।

विदेशों में करियर के क्या हैं मौके?

ईरान से MBBS करने के बाद:

  • मिडिल ईस्ट देशों में नौकरी के अवसर अच्छे हो सकते हैं, खासकर अगर भाषा और अनुभव साथ हो।
  • लेकिन यूरोप और अमेरिका में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए अलग परीक्षाएं होती हैं जैसे USMLE (अमेरिका), PLAB (UK) आदि। इनकी तैयारी में काफी मेहनत और समय लगता है।

अगर आप भारत में मेडिकल की पढ़ाई का खर्च वहन नहीं कर सकते और विदेश में विकल्प तलाश रहे हैं, तो ईरान एक किफायती और सरल विकल्प हो सकता है। लेकिन पढ़ाई के बाद भारत में प्रैक्टिस के लिए FMGE पास करना जरूरी होगा, जो आसान नहीं है। साथ ही, वैश्विक तनाव और सुरक्षा जैसे पहलुओं पर भी नजर रखना जरूरी है।

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