
सोनीपत/पलवल : हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोप के बाद राई विधानसभा सीट सुर्खियों में है। जांच में मतदाता सूची से जुड़ी कई चौंकाने वाली गड़बड़ियां सामने आई हैं — कहीं मृत महिला का नाम अभी तक सूची में है, तो कहीं वर्षों पहले शादी कर चुकी महिलाओं के नाम नहीं हटाए गए। वहीं कई ऐसे मतदाता भी हैं जिनके नाम सूची से कट जाने के कारण वे मतदान नहीं कर सके।
राहुल गांधी ने बुधवार को जिन 22 मतों का जिक्र किया था, उनमें से 15 मतदाताओं के पहचान पत्रों में फोटो सही पाए गए हैं। हालांकि, मतदाता सूची में कई त्रुटियां दर्ज हुईं। उदाहरण के तौर पर मुरथल की गुनिया नामक महिला का चार साल पहले निधन हो चुका है, लेकिन सूची में उनका नाम अब भी है, और उनके नाम के सामने ब्राजील की मॉडल का फोटो लगा हुआ है।
इसी तरह अकबरपुर बारोटा गांव की सरोज का नाम भी सूची में है, जबकि उनकी 20 साल पहले भिवानी में शादी हो चुकी है और अब वे वहीं वोट डालती हैं।
मुरथल की मुन्नी देवी ने बताया कि उनकी बहू गुनिया का निधन 2022 में हो गया था, लेकिन अब पता चला कि उनका नाम सूची में शामिल है। वहीं मलिकपुर गांव की अंजली त्यागी ने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में वोट डाला था, पर विधानसभा चुनाव में नाम सूची से गायब था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका वीडियो बनाकर राहुल गांधी को भेजा था।
बारोटा गांव की रानी ने बताया कि उनकी बहन सरोज की शादी 2001 में भिवानी में हुई थी और पूरा परिवार अब वहीं रहता है। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि उनका नाम अब भी राई की मतदाता सूची में है।
पड़ताल में सामने आया कि कई मतदाताओं के नाम और पते आपस में बदल गए हैं, जबकि फोटो सही हैं। जैसे — मलिकपुर की अंजली, अकबरपुर बारोटा की सरोज, बिमला और खेड़ी मनाजात की स्वीटी के मामलों में पहचान पत्र और सूची की फोटो मेल नहीं खातीं।
मलिकपुर के अजय त्यागी ने बताया कि वे परिवार सहित वोट डालने आए थे, लेकिन नाम नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से नाम कटने की जांच आवश्यक है।
वहीं, राहुल गांधी के आरोपों के बाद पलवल जिले के गुदराना गांव का मकान नंबर-150 चर्चा में आ गया है। राहुल का कहना था कि इस मकान में 66 वोटर दर्ज हैं, जबकि वहां कोई नहीं रहता। जांच में पाया गया कि यह मकान भाजपा से जुड़े जिला परिषद उपाध्यक्ष उमेश गुदराना का है और वर्तमान में खाली पड़ा है, जबकि परिवार के लोग पास के घरों में रहते हैं।
उमेश गुदराना ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा,
“हमारे परिवार में करीब 150 वोटर हैं। सभी आसपास ही रहते हैं, बाहरी कोई नहीं। वोटर कार्ड में पुराना पता दर्ज है, इसलिए भ्रम हुआ।”
उन्होंने 18 वोटरों को मौके पर बुलाकर सबूत भी पेश किया।
उमेश के चाचा सुरेश गुदराना ने बताया कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियां एक साथ रहती हैं, जिनकी संख्या लगभग 200 सदस्यों और 150 वोटरों की है।
बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) थान सिंह ने बताया कि पुराने समय से ही वोटर लिस्ट में सभी परिवारों के नाम एक ही मकान नंबर के तहत दर्ज हैं। आयोग की ओर से 10 से अधिक वोटों का फिजिकल वेरिफिकेशन करने का निर्देश नहीं मिला था, इसलिए प्रक्रिया के अनुसार कार्य किया गया।














