अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : राज्यपाल..बोलीं- हम बेटियों से पूछते हैं वे कहां गई थीं….क्या कर रही थीं…. वैसे ही बेटों से भी पूछें

  • राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया

लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से आज राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली 120 महिलाओं को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने महिलाओं के सशक्तिकरण, उनकी भूमिका, परिवार और समाज में उनके योगदान पर विस्तृत चर्चा की।

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि महिलाओं में संवेदनशीलता और मानवता अधिक होती है, यही कारण है कि वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं। महिलाओं में सेवा भाव भी प्रबल होता है, जो उन्हें जीवनभर कर्मशील बनाए रखता है। महिलाएं चाहे घर में हों, कार्यालय में हों या किसी अन्य क्षेत्र में कार्यरत हों, वे सदैव ऊर्जा से भरपूर रहती हैं और स्वस्थ जीवन जीती हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि महिलाएं आज घर और कार्यालय दोनों का प्रबंधन कुशलता से कर रही हैं। वे ही एक मकान को घर बनाती हैं और परिवार, परंपरा, संस्कृति, समाज तथा बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी निभाती हैं।

राज्यपाल ने इस अवसर पर बेटियों और बेटों की समान परवरिश पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि जैसे हम बेटियों से पूछते हैं कि वे कहां गई थीं और क्या कर रही थीं, वैसे ही बेटों से भी यह पूछना चाहिए। इससे उनमें अनुशासन की भावना विकसित होगी और वे अधिक जिम्मेदार बनेंगे। इसके अलावा, उन्होंने इस बात की आवश्यकता बताई कि बेटों और बेटियों दोनों को घर के कार्यों में पारंगत किया जाए, जिससे वे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ घर के कार्यों को भी सीख सकें।

राज्यपाल ने अपने राजनीतिक और पारिवारिक संघर्षों की प्रेरणादायक कहानी भी साझा की। महिलाओं और समाज की बेहतरी के लिए कुछ करने की इच्छाशक्ति ने उन्हें राजनीति की ओर प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि वे राजनीति में कैसे आईं, अपने परिवार और पढ़ाई को लेकर उन्होंने किन चुनौतियों का सामना किया, और जीवन के कठिन समय में किस तरह उन्होंने अपने धैर्य और संकल्प को बनाए रखा। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने माता-पिता की सेवा करते हुए पढ़ाई में भी गोल्ड मेडल प्राप्त किया और समाज सेवा को सदैव अपनी प्राथमिकता में रखा।

राज्यपाल ने खेलों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि “जो खेलेगा, वही खिलेगा।“ उन्होंने सभी माताओं से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने बताया कि जब बच्चे अपने दादा-दादी के साथ खेलते हैं, तो उनका लगाव परिवार से और अधिक बढ़ता है तथा वे परिवार के महत्व को समझते हैं। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि बच्चों को प्रारंभ से ही संयुक्त परिवार की भावना सिखानी चाहिए ताकि वे अपने बड़ों का सम्मान करें और समाज में अच्छे संस्कारों का प्रसार कर सकें।

राज्यपाल ने वृद्धाश्रमों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों को ऐसे संस्कार दिए जाने चाहिए कि वे बड़े होकर अपने माता-पिता की सेवा करें। हमें ऐसा वातावरण तैयार करने की आवश्यकता है जिससे बच्चे अपने परिवार के मूल्यों और सेवा भाव को आत्मसात कर सकें। उन्होंने गुजरात सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि “तीर्थ ग्राम योजना“ के कारण गांवों में आपसी झगड़े समाप्त हो गए और सामाजिक सौहार्द्र बढ़ा। उन्होंने कहा कि सरकार जनकल्याण के लिए योजनाएं बनाती है, और जब उन्हें सही योजना, प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ लागू किया जाता है, तो देश तेजी से प्रगति करता है।

राज्यपाल ने ड्रोन दीदी योजना की सराहना करते हुए कहा कि आज महिलाएं आधुनिक तकनीक का उपयोग कर किसानों की सहायता कर रही हैं, जिससे समाज और देश को व्यापक लाभ मिल रहा है। महिलाएं देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। वे न केवल परिवार और बच्चों को संभाल रही हैं, बल्कि कार्यालयों का कार्यभार भी कुशलता से निभा रही हैं और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका अदा कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई आपदा या संकट आता है, तो महिलाएं आगे बढ़कर समाज और राष्ट्र के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करती हैं।

इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं ने अपने अनुभव एवं सुझाव साझा किए, लखनऊ की वंडर गर्ल सौन्दर्या विश्रुता पाण्डेय द्वारा शिव स्तुति की गई तथा देवी अहिल्या बाई होल्कर के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति भी की गई।

राजभवन में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बना, बल्कि समाज में आवश्यक बदलाव लाने और सकारात्मक विचारधारा को विकसित करने का भी सशक्त माध्यम बना। राज्यपाल जी की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम ने महिला सम्मान, खेल, परिवार, समाज सेवा और दहेज उन्मूलन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया। इस अवसर पर मण्डलायुक्त डॉ. रोशन जैकब, विभिन्न विश्वविद्यालयों की महिला कुलपति, विभिन्न क्षेत्रों से आमंत्रित महिलाएं, राजभवन के अधिकारी कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।

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