लखनऊ में गोमती नदी के किनारे संग्रहालय के रूप में जिन्दा रखे जाने की है योजना
हेलीकॉप्टर और मिसाइल सहित सभी सैन्य उपकरण संग्रहालय में प्रदर्शित किए जाएंगे
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के गोदावरी श्रेणी का अंतिम युद्धपोत आईएनएस गोमती राष्ट्र को 34 साल की शानदार सेवा देने के बाद 28 मई को सेवामुक्त कर दिया जाएगा। रिटायर होने के बाद इस योद्धा को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के किनारे संग्रहालय के रूप में जिन्दा रखे जाने की योजना है। गोदावरी श्रेणी के इस फ्रिगेट का निर्माण पूरी तरह स्वदेशी रूप से करके 1988 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
गोदावरी क्लास गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट के अंतिम जहाज आईएनएस गोमती की डिजाइन नौसेना के डिजाइन निदेशालय ने तैयार की थी और मझगांव डॉक्स लिमिटेड (एमडीएल) ने स्वदेशी रूप से इसका निर्माण किया था। युद्धपोत आईएनएस गोमती का वजन 3,860 टन, लंबाई-126.5 मीटर, चौड़ाई-14.5 मीटर है। इसकी गति 27 नॉटिकल माइल प्रति घंटा है और यह एकसाथ 313 व्यक्तियों को ले जा सकता है। एंटी शिप एयर मिसाइल सिस्टम, 76 एमएम की गन, सोनार मिसाइल सिस्टम, ई-बैंड रेडार से लैसइस युद्धपोत में दो लड़ाकू हेलीकॉप्टर तैनात रह सकते हैं। 19 मार्च, 1984 को लान्चिंग के बाद गोदावरी श्रेणी का यह अंतिम युद्धपोत 16 अप्रैल, 1988 नौसेना में शामिल किया गया था।
आईएनएस गोमती एफ-21 फिलहाल मुंबई में नेवी की इस्टर्न कमांड के पास है। इस युद्धपोत का नामकरण गोमती नदी के नाम पर किया गया था, इसलिए देश की सेवा से रिटायर होने के बाद इसे लखनऊ स्थित गोमती रिवर फ्रंट पर स्थापित किया जाएगा। नौसेना से इजाजत मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे लखनऊ लाने का प्रयास शुरू कर दिया है। यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 28 मई को प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम मुंबई जाएंगे। वहां नौसेना के अधिकारी औपचारिक रूप से आईएनएस गोमती पर्यटन विभाग को सौंपेंगे। आईएनएस गोमती को स्मारक का स्वरूप देने के लिए रिवर फ्रंट पर फिलहाल तीन स्थान चिह्नित किए गए हैं जिसमें से नौ सेना की ओर से एक स्थान को मंजूरी मिलने का इंतजार है।
आईएनएस गोमती को समुद्री मार्ग से ही लाया जा सकता है लेकिन लखनऊ तक समुद्री मार्ग न होने से इसे अलग-अलग टुकड़ों में लाकर चुने गए स्थान पर असेंबल किया जाएगा। जहाज में स्थापित हेलीकॉप्टर और मिसाइल सहित सभी सैन्य उपकरण लखनऊ लाकर विशेष संग्रहालय में प्रदर्शित किए जाएंगे। गोमती रिवर फ्रंट पर स्थापित होने के बाद इसे दर्शकों के देखने के लिए खोला जाएगा। इसके परिसर में एक रेस्टोरेंट के साथ ही पर्यटकों के लिए अन्य आकर्षण विकसित किए जाएंगे। इसके पीछे प्रदेश सरकार की मंशा नई पीढ़ी को इस संग्रहालय के माध्यम से देशसेवा की भावना से जोड़ने और पर्यटन को बढ़ावा देने की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से ही सांसद हैं, इसलिए माना जा रहा है कि उनके संसदीय क्षेत्र की शोभा बढ़ाने के लिए आईएनएस गोमती को रिटायर होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को देने का फैसला लिया गया है।