
- मत्स्य पालन की गतिविधियों से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं बनेंगी आर्थिक रूप से समृद्ध व सशक्त
- सिंघी मछली का पालन से न्यूनतम जल उपयोग में अधिकतम उत्पादन संभव
लखनऊ। उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत समूह की महिलाओं को स्वरोजगार एवं आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करने हेतु बायोफ्लॉक पद्धति से मत्स्य पालन की पहल की गई है। इसकी रूपरेखा व कार्ययोजना उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मार्गदर्शन में उनकी दूरगामी सोच के तहत बनायी गई है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 में बायोफ्लॉक मत्स्य पालन परियोजना प्रदेश के 10 जनपदों में कार्य किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में उ०प्र० राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, मत्स्य पालन विभाग एवं नेचरजेनिक्स संस्था के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंधन किया जा चुका है। इस परियोजना के अंतर्गत बायोफ्लॉक तकनीक द्वारा सिंघी मछली का पालन किया जा रहा है, जिससे न्यूनतम जल उपयोग में अधिकतम उत्पादन संभव हो सकेगा ।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार समूह की महिलाओं के साथ बायोफ्लाक पद्धति से मत्स्य पालन किये जाने हेतु 10 जनपदों द्वारा कुल 2158 महिलाएं सम्मिलित करते हुए यह 155 उत्पादक समूह का गठन किया जा चुका हैं ।