
इंदौर: शहर के विजयनगर थाना क्षेत्र स्थित C21 मॉल के पीछे एक चार मंजिला इमारत को विस्फोट कर गिराए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। नगर निगम की इस कार्रवाई को अवैध बताते हुए गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि भवन मालिक डॉक्टर इजहार मुंशी से रिश्वत की मांग की गई थी, और जब उन्होंने रकम नहीं दी, तो इमारत को अवैध घोषित कर ब्लास्ट कर गिरा दिया गया।
क्या है मामला?
डॉ. इजहार मुंशी इस इमारत में एक अस्पताल खोलना चाहते थे। उन्होंने आरोप लगाया है कि नगर निगम के अधिकारियों ने नक्शा पास कराने के एवज में 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। आरोप के अनुसार, 5 लाख रुपये पहले ही दे दिए गए थे, लेकिन जब शेष 10 लाख रुपये नहीं दिए गए, तो अधिकारियों ने इमारत को अवैध बताते हुए उसमें विस्फोट करवा दिया।
डॉ. मुंशी का यह भी कहना है कि उन्होंने इस मामले को लेकर इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई भी निर्धारित थी। लेकिन अदालत के फैसले से पहले ही चार मंजिला इमारत को जमींदोज कर दिया गया।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस के मीडिया प्रवक्ता डॉ. अनुमील खान सूरी ने इस मुद्दे पर वीडियो जारी कर नगर निगम अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह पूरी कार्रवाई सुनियोजित थी और भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण है।
महापौर ने दिए जांच के आदेश
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मकान बहुत गलत तरीके से ध्वस्त किया गया है। यदि किसी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।” महापौर ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
आगे क्या?
फिलहाल यह मामला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। नगर निगम की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं और आने वाले दिनों में इस मामले में कई अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है। पीड़ित पक्ष न्याय की मांग कर रहा है और राजनीतिक हलकों में भी यह विषय गरमा गया है।