
इंदौर में तीन ट्रायल रन के बाद मेट्रो रेलवे सेफ्टी से फाइनल मंजूरी मिल गई है। अब मेट्रो कॉरपोरेशन कमर्शियल रन शुरू कर सकती है। बीते छह माह से मेट्रो कोच, ट्रेक, स्टेशन का सेफ्टी ऑडिट हो रहा था। यह ऑडिट छह किलो मीटर के ट्रैक में किया गया है।
अब मेट्रो कार्पोरेशन को तय करना है कि कब से मेट्रो के छह किलोमीटर हिस्से में ट्रायल रन शुरू होगा,हालांकि उस हिस्से में न तो बसाहट है और न ही कोई व्यापारिक संस्थान हैै। इस कारण वहां ज्यादा यात्री नहीं मिलेंगे।
अब अगला ट्रायल रन सत्रह किलोमीटर
छह किलोमीटर तक का रुट मेट्रो के संचालन के पूरी तरह तैयार हो गया है।अब गांधी नगर डिपो से रेडिसन चौराहा तक 17 किलोमीटर लंबे हिस्सेे में फस्ट ट्रायल की तैयारी की जा रही है। इसके लिए छह माह का समय लग सकता है।17 किलोमीटर हिस्से में अभी मेट्रो स्टेशन पूरी तरह तैयार नहीं हुए हैै। यदि इस हिस्से में मेट्रो का संचालन होगा तो बड़ी संख्या मेें मेट्रो केे लिए यात्री मिल सकते हैै। इस साल के अंत तक ट्रायल रन हो सकता है।
30 किलोमीटर का है रुट
इंदौर में 30 किलोमीटर का पूरा रुट है। अभी करीब 20 किलोमीटर हिस्से में काम चल रहा है। मध्य हिस्से में अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया हैै। पिछले दिनों नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मेट्रो रुट का दौरा किया था। उन्होंने एमजी रोड पर अंडरग्राउंड ट्रेक पर आपत्ति जताई थी। वे चाहते है कि पलासिया चौराहा से पहले मेट्रो अंंडरग्राउंड हो सके, ताकि पलासिया चौराहे पर ब्रिज बन सके।