Indore : 18 करोड़ की संपत्ति के साथ आबकारी अफसर बेनकाब

इंदौर : आबकारी विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया की अकूत संपत्ति का खुलासा लोकायुक्त की छापेमारी में हुआ है। जांच में उनके पास से चार किलो सोना, सात किलो चांदी, दो करोड़ रुपये नकद, और करीब 18 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति बरामद हुई है। अधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार को उसके बैंक लॉकर खोले जाएंगे, जिनसे और भी बहुमूल्य वस्तुएं मिलने की संभावना है।

लोकायुक्त की जांच में यह भी सामने आया कि भदौरिया ने अपने बेटे और बेटी के नाम पर भी कई संपत्तियां खरीदी हैं। बरामद दस्तावेजों में विभागीय रिकॉर्ड और संदिग्ध लेनदेन से जुड़ी जानकारियां मिली हैं, जिनकी अब गहन जांच चल रही है।

भदौरिया की अधिकांश पोस्टिंग धार, झाबुआ और आलीराजपुर जैसे आदिवासी जिलों में रही—ये इलाके आर्थिक रूप से कमजोर माने जाते हैं, लेकिन गुजरात बॉर्डर से सटे होने के कारण यहां अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है। इस वजह से आबकारी विभाग के अधिकारी इन जिलों में पोस्टिंग के लिए जोर लगाते हैं।

भदौरिया पर आरोप है कि वह अवैध शराब सिंडिकेट से जुड़ा हुआ था और इसी से उसने करोड़ों की अवैध कमाई की। नौकरी के दौरान उसकी कुल वेतन आय करीब दो करोड़ रुपये रही, लेकिन उसकी संपत्ति इससे नौ गुना अधिक पाई गई।

जानकारी के अनुसार, गुजरात में शराबबंदी लागू होने के बावजूद मध्य प्रदेश की सीमाओं से अवैध शराब की तस्करी जारी रहती है। जंगलों के बीच बने कई चोर रास्तों से शराब की सप्लाई होती है, जिसमें स्थानीय माफियाओं के साथ कई अधिकारी भी मिलीभगत में रहते हैं।

शराब कारोबारियों का अघोषित साझेदार बन चुके भदौरिया ने सेवानिवृत्ति के बाद भी चार गनमैन अपनी सुरक्षा में रखे हुए हैं, क्योंकि उसकी कई ठेकेदारों और अधिकारियों से पुरानी रंजिशें हैं।

लोकायुक्त पुलिस अब उसकी अघोषित संपत्ति, बैंक खातों और परिवारजनों के नाम पर खरीदी गई संपत्तियों की जांच में जुटी हुई है।

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