Indigo Crisis : विमान संचालन गड़बड़ी पर इंडिगो अलर्ट, बाहरी विशेषज्ञों को सौंपी जांच

नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में हाल ही में सामने आए बड़े उड़ान संकट के बाद अब कंपनी के बोर्ड ने निर्णायक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। लगातार उड़ान देरी, रद्दीकरण और यात्रियों की बढ़ती असंतुष्टि के बीच इंटरग्लोब एविएशन के बोर्ड ने एक स्वतंत्र एविएशन विशेषज्ञ से पूरे घटनाक्रम की व्यापक जांच कराए जाने की घोषणा की है। यह फैसला उस ऑपरेशनल अव्यवस्था के बाद लिया गया, जिसने एयरलाइन की विश्वसनीयता को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

बाहरी विशेषज्ञ को मिली जिम्मेदारी

एयरलाइन ने बयान में बताया कि चीफ एविएशन एडवाइजर्स LLC, जिसका नेतृत्व एविएशन विशेषज्ञ कैप्टन जॉन इल्सन करते हैं, को जांच की पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कैप्टन इल्सन अंतरराष्ट्रीय विमानन क्षेत्र में गहरा अनुभव रखते हैं और वे इंडिगो के हालिया ऑपरेशनल संकट के मूल कारणों की गहन जांच करेंगे तथा सुधार के ठोस सुझाव देंगे। इससे पहले भी बोर्ड संकट प्रबंधन के लिए एक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बना चुका है।

संचालन पर पड़ा भारी असर

2 दिसंबर से शुरू हुए इस ऑपरेशनल संकट ने इंडिगो के पूरे नेटवर्क को हिला दिया था।

  • उड़ानों की उपलब्धता में कमी
  • क्रू मैनेजमेंट में खामियां
  • एफडीटीएल (Flight Duty Time Limitation) के दूसरे चरण को लागू करने में लापरवाही

इन कारणों के चलते बड़ी संख्या में उड़ानें देरी से चलीं या रद्द करनी पड़ीं। समयबद्धता, समन्वय और संचालन की दक्षता को लेकर गंभीर सवाल उठे।

बोर्ड को सौंपी जाएगी विस्तृत रिपोर्ट

इंडिगो ने कहा है कि कैप्टन इल्सन जल्द जांच शुरू करेंगे और एक विस्तृत तथा निष्पक्ष रिपोर्ट बोर्ड को सौंपेंगे। रिपोर्ट में—

  • संकट के मूल कारण
  • संचालन में हुई चूकें
  • पायलट व क्रू प्रबंधन की खामियां
  • भविष्य में ऐसी स्थिति रोकने के उपाय

शामिल होंगे।

सुधारों की दिशा में बढ़ेगा कदम

कंपनी का कहना है कि यह जांच सिर्फ हाल की घटनाओं की समीक्षा नहीं, बल्कि पूरे ऑपरेशनल ढांचे को मजबूत बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी। इंडिगो उम्मीद कर रही है कि इससे उसकी सेवाओं की विश्वसनीयता और समयबद्धता दोबारा स्थापित होगी।

पहले से सक्रिय था बोर्ड

संकट के शुरुआती दिनों में ही बोर्ड ने

  • फ्लाइट शेड्यूल स्थिर करने
  • यात्रियों की शिकायतें घटाने
  • संचालन सामान्य करने

के लिए आंतरिक व्यवस्था मजबूत की थी। अब बाहरी विशेषज्ञ को शामिल कर बोर्ड ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह पारदर्शी और कठोर जांच चाहता है, ताकि यात्रियों का विश्वास फिर से जीता जा सके।

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