इंडिगो संकट गहराया : बेंगलुरु से 60 उड़ानें रद्द, पायलटों की कमी से बिगड़ा शेड्यूल

नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का परिचालन संकट गुरुवार को भी पूरी तरह काबू में नहीं आ सका। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को बेंगलुरु एयरपोर्ट से इंडिगो की 60 उड़ानें (32 आगमन, 28 प्रस्थान) रद्द करनी पड़ीं। यह स्थिति नए पायलट और क्रू ड्यूटी मानदंड (FDTL) लागू होने के दौरान हुई योजनागत चूक और संसाधनों की कमी का नतीजा बताई जा रही है।

हालांकि एयरलाइन प्रबंधन का दावा है कि हालात नियंत्रित किए जा रहे हैं और गुरुवार को डीजीसीए की कड़ी निगरानी में 1,950 से अधिक उड़ानें संचालित की जाएंगी।

डीजीसीए की सख्ती: ‘वॉर-रूम’ से मॉनिटरिंग, सीईओ तलब

इंडिगो संकट के 10 दिन बाद चेयरमैन विक्रम मेहता ने पहली बार बयान जारी किया। उन्होंने परिचालन में आई अराजकता पर माफी मांगते हुए तकनीकी समस्याएं, मौसम और नए रोस्टर नियमों को जिम्मेदार ठहराया।

लेकिन एविएशन विशेषज्ञों का मानना है कि यह तर्क पूरी तरह सही नहीं है क्योंकि अन्य एयरलाइनों ने भी यही परिस्थितियां झेली हैं, फिर भी उनका संचालन स्थिर रहा है।

इंडिगो के सीओओ इसिड्रो पोरक्वेरास ने पिछले वर्ष डीजीसीए को बताया था कि नए FDTL नियमों से क्रू की जरूरत केवल 3% बढ़ेगी, लेकिन यह अनुमान गलत साबित हुआ।

संसद में पेश सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च में जहां इंडिगो ने 5,463 पायलट होने का दावा किया था, वहीं 8 दिसंबर को यह संख्या घटकर 5,085 रह गई—यानी 378 पायलटों की कमी नौ महीनों में दर्ज हुई।

सरकार ने घटाई इंडिगो की उड़ानें: 10% स्लॉट कटे

पायलट संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने इंडिगो पर गंभीर आरोप लगाए हैं—

  • अपर्याप्त मानव संसाधन रणनीति
  • भर्ती और वेतन वृद्धि पर रोक
  • कार्टेल जैसा व्यवहार

एफआईपी का कहना है कि एयरलाइन को FDTL के लिए दो साल की तैयारी का समय मिला था, फिर भी कदम समय पर नहीं उठाए गए।

इंडिगो आम तौर पर प्रति दिन 2,200 उड़ानें संचालित करती है, लेकिन परिचालन स्थिरता लाने के लिए सरकार ने इसमें 10% की कटौती कर दी है।

बुधवार को सबसे अधिक उड़ानें दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में रद्द हुईं।

अब सभी की निगाहें गुरुवार के संचालन और डीजीसीए के साथ इंडिगो सीईओ की महत्वपूर्ण बैठक पर टिकी हैं।

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