
नई दिल्ली : भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने रुख को और अधिक स्पष्ट करते हुए मंगलवार को एक कड़ा संदेश दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े किसी भी मुद्दे का समाधान केवल भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संवाद से ही संभव है, और अब वार्ता का विषय केवल पाक अधिकृत कश्मीर (POK) से पाकिस्तान का गैरकानूनी कब्जा हटाना होना चाहिए।
पाकिस्तान को समर्थन देने पर सिंधु जल संधि पर कड़ा रुख
जायसवाल ने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, सिंधु जल समझौते को लेकर भारत भी अपने विकल्पों पर विचार करता रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद और कूटनीति को एक साथ स्वीकार नहीं कर सकता।
एयरबेस पर हमले के बाद बदला पाकिस्तान का रवैया
भारत ने हाल ही में हुए 10 मई के एयरबेस हमले का जवाब देते हुए आतंकियों के ठिकानों पर सटीक सैन्य कार्रवाई की थी, जिसके बाद पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर की अपील की गई। विदेश मंत्रालय ने बताया कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की स्थिति कमजोर हो गई।
UNSC में और सबूत पेश करेगा भारत
भारत ने यह भी कहा है कि वह आतंकी संगठन टीआरएफ (The Resistance Front) के खिलाफ और अधिक सबूत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पेश करेगा, जिससे पाकिस्तान का आतंकवाद के प्रति दोहरा रवैया दुनिया के सामने उजागर हो सके।
“हारकर भी जश्न मनाता है पाकिस्तान”
प्रवक्ता ने पाकिस्तान की रणनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा, “पाकिस्तान हमेशा की तरह हारकर भी ढोल बजाता है और जश्न मनाने का ड्रामा करता है। लेकिन सच्चाई यह है कि उसकी सैन्य कार्रवाई रुक चुकी है और वह अब सिर्फ दुष्प्रचार में लगा हुआ है।”
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भारत ने एक बार फिर दोहरा दिया है कि जम्मू-कश्मीर पर कोई तीसरी पार्टी नहीं, बल्कि सिर्फ भारत और पाकिस्तान ही चर्चा कर सकते हैं – और अब भारत की एकमात्र चर्चा POK को लेकर है। विदेश मंत्रालय का यह सख्त रुख पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि भारत अब सिर्फ कूटनीति नहीं, दृढ़ इच्छाशक्ति और सामरिक जवाबदेही की नीति पर चलेगा।