
भारतीय सेना ने हाल ही में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 145 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) खरीदने का निर्णय लिया है, जिन्हें ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात किया जाएगा। चीन के साथ बढ़ते तनाव और पूर्वी लद्दाख एवं सियाचिन ग्लेशियर में उसकी दादागीरी को ध्यान में रखते हुए, भारत ने इन क्षेत्रों में ‘प्रचंड’ नामक योजना के तहत ये हेलीकॉप्टर तैनात करने की योजना बनाई है।
यह डील भारतीय सेना की हवाई क्षमताओं को मजबूत करने और रक्षा तैयारियों को बढ़ाने की रणनीति का एक हिस्सा है। इन हेलीकॉप्टरों की ऊंचाई में उड़ान भरने की क्षमता 16,400 फीट यानी लगभग 5,000 मीटर तक है, जिससे इन्हें सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख जैसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
H.L.A.L द्वारा निर्मित ये हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर उन्नत हथियार systems से लैस हैं, जिनमें हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें, रॉकेट और बुर्ज गन शामिल हैं। ये हेलीकॉप्टर न केवल दुश्मन के टैंकों और बंकरों और हवाई खतरों का मुकाबला करने में सक्षम हैं, बल्कि एयर डिफेंस सिस्टम को भी ध्वस्त करने की क्षमता रखते हैं।
भारतीय सेना को पहले ही 15 ऐसे हेलीकॉप्टर मिल चुके हैं, और अब 90 हेलीकॉप्टर भारतीय सेना के लिए और 66 भारतीय वायु सेना के लिए खरीदे जाएंगे। यह संपूर्ण खरीद ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाना और विदेशी सैन्य आपूर्ति पर निर्भरता को कम करना है।
हाल ही में भारत ने 307 एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) हॉवित्जर के लिए 7 हजार करोड़ रुपये का सौदा और 83 तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) का ऑर्डर भी दिया है। इन सभी प्रयासों का मकसद भारतीय सेना की सुदृढ़ता को बढ़ाना और अत्याधुनिक तकनीक से लैस उपकरणों के साथ उसकी क्षमता में इजाफा करना है।
इन हेलीकॉप्टरों के समावेश से भारतीय सेना को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बेहतर रणनीतिक तैयारियों में मदद मिलेगी और साथ ही चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर सुरक्षा को भी और अधिक मजबूत बनाने में सहायता मिलेगी।