रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया 2025 एक्सपो में दिखा भारत का स्वच्छ ऊर्जा विज़न

  • पहली बार देश में नवीकरणीय ऊर्जा से पैदा होने वाली बिजली की स्थापित क्षमता पांच लाख मेगावाट को पार किया

नई दिल्ली। भारत नवीकरणीय ऊर्जा में एक मजबूत स्थिति में है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बिजली उपभोक्ता और तीसरा सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक है। भारत ने बिजली क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कर ली है। पहली बार देश में नवीकरणीय ऊर्जा से पैदा होने वाली बिजली की स्थापित क्षमता पांच लाख मेगावाट को पार किया है। देश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता में 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी पर्यावरण के अनुकूल माने जाने वाले रिनीवेबल सेक्टर की हो गई है। इस तरह से भारत उन गिने चुने देशों में शामिल हो गया है, जहां बिजली उत्पादन क्षमता में कोयला व इस तरह के दूसरे पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से ज्यादा गैर-पारंपरिक नवीकरणी ऊर्जा स्त्रोतों जैसे सौर, पवन, बायोगैस आदि की हिस्सेदारी है। बिजली मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक नवीकरणीय ऊर्जा की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 2.5609 लाख मेगावाट हो गई है, जो कुल उत्पादन क्षमता का 51 फीसदी से भी ज्यादा है।


बता दें कि राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा एक्सपो सेंटर में रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया (आईईआई) एक्सपो के 18वें संस्करण का शुभारंभ हुआ। इसके साथ ही द बैटरी शो इंडिया (टीबीएसआई) के तीसरे संस्करण का भी सह-आयोजन किया गया। नेट ज़ीरो लक्ष्य हासिल करने के लिए मार्ग का निर्धारण की थीम पर केंद्रित, यह तीन दिवसीय आयोजन 30 अक्टूबर से 1 नवंबर, 2025 तक हो रहा है। भारत के स्वच्छ ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र में वैश्विक सहयोग, नवाचार और निवेश को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है। इस मौके पर मध्य प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव ने बताया कि इसके भारत ने 2.70 रुपए प्रति यूनिट की दर पर चौबीसों घंटे सौर-प्लस-स्टोरेज बिजली प्रदान करने का एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है। श्रीवास्तव ने कहा कि हमने बिना सब्सिडी के सब-3 रुएफ प्रति यूनिट टैरिफ का नेतृत्व किया है और अब हमने सौर-प्लस-स्टोरेज के साथ 2.70 रुपए प्रति यूनिट पर राउंड-द-क्लॉक बिजली प्रदान करने का ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। एक्सपो के आयोजक व इन्फॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने कि भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता 2025 में 250 गीगावाट को पार कर गई है। 2030 तक 500 गीगावाट का लक्ष्य है। विद्युत मंत्रालय ने 30 गीगावाट घंटे बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों (बीईएसएस) के लिए 5,400 करोड़ की व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) योजना को मंजूरी दी है, जिससे 2028 तक 33 हजार करोड़ का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है।


द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट की महानिदेशक डॉ विभा धवन ने भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। डॉ. धवन ने कहा कि भारत पहले ही 127 गीगावाट की स्थापित सौर क्षमता हासिल कर चुका है। 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ रहा है। आरईआई 2025 एक्सपो में 700 से अधिक प्रदर्शकों, 1,000 ब्रांडों और 250 वैश्विक विचारकों ने भाग लिया है,?जिसने तीन दिनों में 35,000 से अधिक आगंतुकों को आकर्षित किया। एक्सपो में सौर विनिर्माण, बैटरी स्टोरेज, ईवी चार्जिंग और पवन ऊर्जा सहित अक्षय प्रौद्योगिकियों की पूरी श्रृंखला प्रदर्शित हुई। द बैटरी शो इंडिया को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और भारी उद्योग मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है, साथ ही 350 से अधिक प्रदर्शक और 20,000 पेशेवर शामिल हुए, जिसने भारत को स्वच्छ ऊर्जा के पावरहाउस के रूप में मजबूत किया। इस आयोजन में जर्मनी, चीन, जापान जैसे देशों के पवेलियनों के साथ-साथ रिलायंस, अडाणी सोलर, गोल्डि सोलर, हैवल्स, वारी सोलर और विक्रम सोलर जैसी प्रमुख कंपनियों ने अपने अत्याधुनिक नवाचारों का प्रदर्शन किया। ओडिशा सरकार की आरई नोडल एजेंसी के प्रमुख देबाशीष दास ने कहा ओडिशा विकसित ओडिशा 2026 और विकसित भारत 2047 के साथ संरेखित ओडिशा अक्षय ऊर्जा नीति के तहत परिवर्तन के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। हम अपने 2.25 लाख वर्ग किलोमीटर के जल जलाशयों में फ्लोटिंग सौर परियोजनाओं और पंप स्टोरेज अवसरों के माध्यम से अक्षय ऊर्जा को प्राथमिकता दे रहे हैं। हमारा विज़न ओडिशा में ऊर्जा को किफायती, सुलभ और टिकाऊ बनाना है, जिससे राज्य भारत के अक्षय ऊर्जा परिदृश्य में पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित हो सके।

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