भारत की वायुसेना बनेगी अजेय : अमेरिका से अत्याधुनिक जेट इंजन की डील, तेजस-AMCA होंगे एशिया की शान

New Delhi : भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग नए मुकाम पर पहुंचने वाला है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ एक बड़ी डील के अंतिम चरण में है। यह डील भारतीय वायुसेना के लिए 113 F404-IN20 जेट इंजनों की खरीद से जुड़ी है, जिसकी अनुमानित कीमत 1 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है। इस पर अक्टूबर 2025 तक हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।

डील के मुख्य बिंदु

HAL के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ. डीके सुनील ने बताया कि बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है और कीमत तय हो चुकी है। अक्टूबर तक GE के साथ इस ऐतिहासिक अनुबंध पर हस्ताक्षर होंगे। इस सौदे के तहत HAL को 68 सिंगल-सीट लड़ाकू विमान और 29 ड्यूल-सीट ट्रेनर विमान तैयार करने हैं। इन विमानों की डिलीवरी 2027-28 से शुरू होगी और अगले छह वर्षों में पूरी हो जाएगी।

तेजस Mk1A को मिलेगी नई ताकत

भारत के स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस Mk1A को शक्ति देने के लिए GE के F404-IN20 इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा। HAL ने पहले ही 83 तेजस विमानों के लिए 99 इंजनों का अनुबंध हासिल कर लिया है। अब इस नए सौदे के साथ वायुसेना को कुल 180 आधुनिक तेजस Mk1A विमान मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इनमें से तीन विमान पहले ही HAL द्वारा तैयार कर लिए गए हैं और वे अंतिम परीक्षण के चरण में हैं। लक्ष्य है कि अक्टूबर तक पहला विमान भारतीय वायुसेना को सौंप दिया जाए।

2032-33 तक 180 विमान

HAL का लक्ष्य है कि वित्तीय वर्ष 2032-33 तक कुल 180 तेजस Mk1A विमान तैयार कर भारतीय वायुसेना को सौंप दिए जाएं। इससे न केवल वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ेगी, बल्कि स्वदेशी निर्माण क्षमता को भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

अगली पीढ़ी के विमान: AMCA और LCA Mk2

तेजस के बाद अब भारत की नजर है उन्नत लड़ाकू विमान कार्यक्रमों पर। HAL, GE के F414 इंजनों के लिए भी बातचीत कर रहा है। खास बात यह है कि इसमें 80% तक तकनीकी ट्रांसफर शामिल होगा। यही इंजन भविष्य में तैयार होने वाले LCA Mk2 और भारत के महत्वाकांक्षी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) को शक्ति देंगे।

आत्मनिर्भर भारत को मिलेगी मजबूती

यह डील भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को नई मजबूती देगी। टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से भारत के एयरोस्पेस सेक्टर में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि GE के साथ यह सहयोग भारत को न सिर्फ आधुनिक लड़ाकू विमान निर्माण की दिशा में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि एशिया में उसकी सामरिक ताकत को भी कई गुना बढ़ा देगा।

113 इंजनों की यह डील भारत की रक्षा तैयारियों में गेम-चेंजर साबित हो सकती है। आने वाले वर्षों में तेजस और AMCA जैसे स्वदेशी विमान अमेरिकी तकनीक से लैस होकर भारत की वायु शक्ति को नए शिखर तक पहुंचाएंगे।

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