विश्व स्तरीय भारतीय परमाणु वैज्ञानिक तरूण भारद्वाज को गोपनीय ढंग से पागल खाने में सड़ाये जाने का अमेरिकी षडयंत्र
एक असहाय बूढ़ी माँ की भारत वंशियों से एक मार्मिक अपील*
बुलंदशहर से दैनिक भास्कर ब्यूरो रिपोर्ट तेजेन्द्र सिंह
*बुलन्दशहर । बुलन्दशहर के शिकारपुर नगर के मौहल्ला मौथरपुरा के रहने वाले तरुण भारद्वाज को अमेरिका गवर्मेन्ट ने पागल करार करते हुए पागल खाने में डाल रखा है । जी हा ये कोई आम आदमी नही बल्कि देश के जनपद बुलंदशहर निवासी तरुण भारद्वाज है जो कि अमेरिका में न्यूक्लीयर साइंटिस्ट है जिन्होंने अमेरिकी गवर्मेन्ट को अपने हुनर पर एक वैज्ञानिक के नाते बहुत कुछ दिया है । हकीकत शुरू होती है कि भारत के होनहार युवा परमाणु वैज्ञानिक डॉ तरुण भारद्वाज वर्ष 2006 में अमेरिकी गवर्मेन्ट के अधीन नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी NSS मैं कार्य करते रहे।किन्तु जो वेतन उनकी टीम के बराबर के सहयोगियों को मिलता था ,उनकी आधी सेलरी तरुण भारद्वाज को दी जा रही थी । काफी बार अपनी बात रखने के बाद भी जब कोई सुनवाई नही हो पाई तब इन्हें वहा की कोर्ट का सहारा लेना पड़ा । किन्तु अमेरिका में सीधे कोर्ट नही जाया जा सकता जिसके लिए सबसे पहले मुकदमे की अर्जी दायर करने के लिए टेक्सास वर्क फ़ोर्स कमीशन अपील दायर करने की परमिशन ली जाती है जो कि अमेरिकी नियमानुसार यह बहुत कम परमिशन काफी शोध करने के उपरांत ही दे पाते है । फिर भी तरुण भारद्वाज को परमिशन भी मिली और कोर्ट में 350 मिलयन डॉलर के लिए वर्ष 2017 में मुकदमा भी दायर किया साथ ही स्वम ही तरुण भारद्वाज ने मुकदमे की पैरवी भी करी सारे दस्तावेज तरुण भारद्वाज के पक्ष में बताए जा रहे थे । किन्तु उसी समय तरुण भारद्वाज को दूसरे पक्ष दुआरा पागल करार करवा दिया जाता है जिसका मुख्य कारण न तो तरुण को उसके हक की लड़ाई में कोर्ट में जीत हासिल हो और न ही तरुण इंडिया वापस जा सके । जिसके विषय की जानकारी बुलंदशहर में रह रहे तरुण के बूढ़े माता पिता को तरुण ने फोन पर बताई ओर भारत सरकार से अनुरोध किया कि तरुण को जल्द अमेरिका से भारत बुलाया जाए । जिसको लेकर एक वर्ष से तरुण के माता पिता जनपद के जिलाधिकारी सांसद विधायको से कई बार मिल चुके है किंतु इनकी इस विषय पर कोई मदद नही हो पाई है । यहाँ तक कि तरुण के पिता रामकिशन शर्मा और माता गिरजेश शर्मा ने देश के प्रधानमंत्री एवम विदेश मंत्री सहित अन्य ओर मंत्रियों से भी मिलने पहुचे किन्तु अभी तक कोई तरुण के इस विषय के लिए भारत सरकार के सम्मानित पदों पर बैठे मंत्री तरुण के माता पिता से मिलने तक का समय नही दे पाए है न ही कोई गंभीरता से बात रखी गई । साथ ही तरुण ने फोन के माध्यम से अपने माता पिता से वार्तालाप करने पर बताया है कि अमेरिका में तरुण को काफी गलत तरीको से शोषण व प्रताड़ित किया जा रहा है ओर मानसिक रूप से बीमार करने हेतु तरह तरह के इन्जेक्शन दिए जा रहे है । तरुण का कहना है कि अगर भारत सरकार तरुण को वापस लाने में विफल होती है तो अमेरिका में तरुण को मार दिया जाएगा । तरुण ने यहाँ तक भी बताया है कि अमेरिका की सोच है कही तरुण भारत सरकार को खुफिया जानकारी न दे डाले जिसके कारण तरुण पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद भी मानसिक रूप से पागल खाने में डाल दिया गया है । तरुण व उसके बूढ़े माता पिता देश की जनता के साथ साथ भारत सरकार से अपील कर रहे कि जल्द से जल्द तरुण को अमेरिका से भारत वापसी में गंभीरता से प्रयास करें अन्यथा देश का कोई भी होनहार भारतवासी विदेश जाने से भी घबरायगा जिसका काफी बड़ा हर्जाना भारत सरकार को झेलना पड़ेगा ।ओर साथ ही देश का नाम अमेरिका में रोशन करने वाले वैज्ञानिक तरुण भारद्वाज को भी खो देगा।
जिसके लिए मानव सेवा फाउन्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी चन्दपाल सिंह ने रविवार को तरुण के माता पिता से मिलकर विश्वाश जताया है कि तरुण को भारत वापसी के लिए वो भारत सरकार से भी अपील रखेंगे और अमेरिका में भी याचिका दायर करने का कदम उठायेगे