डॉलर के दबाव में भारतीय रुपया धड़ाम! पहली बार 90.05 तक नीचे गिरा, विदेशी निवेशक निकाल रहें पैसे

Indian Rupee Fall Down : मंगलवार को भारतीय रुपया ने लगातार दूसरी सत्र में भारी गिरावट दर्ज की है और अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये 42 पैसे टूटकर 89.95 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। दिन के दौरान यह कुछ समय के लिए 90.00 के रिकॉर्ड स्तर को भी पार कर गया।

विशेषज्ञों के अनुसार, निरंतर ट्रेडर्स की बिकवाली, आयातकों की डॉलर की बढ़ती मांग, विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर बनी असमंजसता ने रुपये पर भारी दबाव बनाया है।

90 का मनोवैज्ञानिक स्तर नई चुनौती?

दिन की शुरुआत में रुपये 89.70 पर खुला, लेकिन कारोबार के दौरान 47 पैसे कमजोर होकर 90.00 के स्तर तक पहुंच गया। कोटक सिक्योरिटीज के करेंसी विशेषज्ञ अनिंद्य बनर्जी ने कहा, “90 का स्तर बहुत महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर है। यदि रुपये इस स्तर से ऊपर (कमज़ोर) जाता है, तो यह तेजी से 91.00 या उससे भी ऊपर के स्तर की ओर बढ़ सकता है।”

उन्होंने आगे कहा कि इस स्थिति में रिजर्व बैंक को सक्रिय रूप से दखल देना चाहिए, ताकि सट्टेबाजों को एकतरफा दांव लगाने से रोका जा सके और डॉलर-रुपया बाजार में अनावश्यक उतार-चढ़ाव को नियंत्रित किया जा सके।

  • बढ़ता दबाव: एफआईआई की बिकवाली और कमजोर बाजार
  • डॉलर इंडेक्स 0.06% बढ़कर 99.41 पर पहुंचा।
  • सेंसेक्स 503 अंक टूटकर 85,138.27 पर बंद हुआ।
  • निफ्टी 143 अंक गिरकर 26,032.20 पर आ गया।

सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने ₹1,171.31 करोड़ की बिकवाली की। अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो, ब्रेंट क्रूड अभी 0.25% गिरकर $63.03 प्रति बैरल पर है। विदेशी निवेशकों की निरंतर निकासी और डॉलर की मजबूती ने रुपये की गिरावट को और भी गहरा कर दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि मौजूदा प्रवृत्ति जारी रहती है, तो रुपये का डॉलर के मुकाबले और कमजोर होने का जोखिम बना रहेगा।

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