‘भारतीय फ़र्स्ट’ कॉन्क्लेव २०२५ में भारतीय प्रवासियों और प्रमुख डच हस्तियों ने रखी सहयोग की नींव

भारत के राजदूत श्री कुमार तुहिन ने एनआईसीबी का किया उद्घाटन

वासेनार, नीदरलैंड्स – २७ सितम्बर २०२५ – स्टिचिंग संस्कृति एवं संस्कार फाउंडेशन द्वारा शनिवार, २७ सितम्बर को आयोजित ‘भारतीय फ़र्स्ट’ कॉन्क्लेव २०२५, भारत के सभी राज्यों एवम् केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रवासी भारतीयों और कई प्रतिष्ठित डच हस्तियों को एक मंच पर लेकर आया।

डेन हाग समीप स्थित वासेनार शहर के कास्टील डी विटनबर्ग में संपन्न हुए इस उच्च-स्तरीय सम्मेलन का उद्देश्य प्रौद्योगिकी, नवाचार और संस्कृति के क्षेत्रों में भारत-नीदरलैंड्स सहयोग के लिए एक नई रूपरेखा तैयार करना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, नीदरलैंड्स में भारत के राजदूत महामहिम श्री कुमार तुहिन ने इस अवसर पर नेटवर्क इंडियासे कल्टचुरन बोर्ड (एनआईसीबी) का औपचारिक उद्घाटन भी किया। एनआईसीबी का उद्देश्य भारतीय संस्कृति के बारे में जागरूकता, मान्यता और संवाद बढ़ाने के उद्देश्य से संसद सहित डच सरकारी एजेंसियों के साथ सांस्कृतिक कूटनीति के लिए एक सेतु और मंच के रूप में कार्य करना। यह बोर्ड नीदरलैंड्स में भारतीय सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रीय मंच के रूप में काम करेगा।

सांस्कृतिक शुभारंभ और मंच संचालन
कार्यक्रम का शानदार संचालन प्रवीण पक्काला जी और अनुषा सेनगुप्ता जी  ने किया। कॉन्क्लेव की शुरुआत गायक श्री दीपक डोडेरा द्वारा प्रस्तुत भारत के राष्ट्रगान और देशभक्तिपूर्ण गीतों से हुई, जिसने पूरे वातावरण को ऊर्जा और गर्व की भावना से भर दिया।

राजदूत का स्वागत और मुख्य संबोधन
मुख्य अतिथि राजदूत कुमार तुहिन ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। स्टिचिंग संस्कृति एवं संस्कार फाउंडेशन के अध्यक्ष, श्री महेश वल्लभ पांडेय जी ने महामहिम राजदूत जी को पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका औपचारिक स्वागत किया। इसके बाद, श्री पांडेय जी ने ‘भारतीय फ़र्स्ट’ होने की प्रासंगिकता पर अपने विचार रखे।

अपने मुख्य वक्तव्य में राजदूत कुमार तुहिन ने ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने समुदाय की इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए के बारे में कहा कि नेटवर्क इंडियासे कल्टचुरन बोर्ड नीदरलैंड्स में भारतीय सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रीय मंच के रूप में काम करेगा।

विशेषज्ञों द्वारा ज्ञानवर्धक सत्र
दिन भर चले इस सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने प्रेरणादायक भाषण दिए। इनमें डॉ. नूपुर कोहली (अनेकता में एकता), श्री विनय दासा (प्रौद्योगिकी और नवाचार), श्री वेंकटेश बच्चू और श्री सौमित्र शाह, आइंडहोवेन इंडियन कम्युनिटी कंसोर्टियम (ईआईसीसी), माहेश्वरी औतार जी (मीडिया) और श्री रवि रमेश, प्रौद्योगिकी, नवाचार, अनुसंधान एवं विकास (टीआईआरडी) शामिल थे।

प्रवासी समुदाय की सक्रिय भागीदारी और कार्यशालाएं
इस कॉन्क्लेव की सबसे बड़ी विशेषता इसकी सहभागी कार्यशालाएं रहीं, जिनका संयोजन श्री जिग्नेश कार्णिक ने किया। प्रतिभागियों को चार समूहों में विभाजित किया गया, जिनका नेतृत्व विषय विशेषज्ञों ने किया:

  • मीडिया: संचालन श्री विक्रम लाल बहादुर द्वारा
  • प्रौद्योगिकी: संचालन श्री नीलेश पुराणिक द्वारा
  • एक पहचान: संचालन श्री वेंकटेश बच्चू द्वारा
  • नीदरलैंड के शहरों में भारतीय: संचालन श्री सौमित्र शाह द्वारा

इन समूहों में गहन विचार-विमर्श के बाद कई नवीन विचार (Ideas) सामने आए। प्रत्येक समूह ने प्रस्तुति के लिए अपने तीन सर्वश्रेष्ठ विचारों का चयन किया, जिन्हें ‘प्लेबैक सत्र’ के दौरान सीधे राजदूत और अन्य नीति-निर्माताओं के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अन्य सभी महत्वपूर्ण विचारों को भी भविष्य के लिए संग्रहीत कर लिया गया।

भविष्य के सहयोग का आश्वासन
अपने समापन भाषण में, स्टिचिंग संस्कृति एवं संस्कार फाउंडेशन के अध्यक्ष, श्री महेश वल्लभ पांडेय जी ने कार्यशालाओं से निकले विचारों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “भारतीय प्रवासियों का सकारात्मक दृष्टिकोण और ये रचनात्मक विचार भारत-नीदरलैंड्स के बीच प्रौद्योगिकी, नवाचार और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखते हैं। यह कॉन्क्लेव दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने के लिए एक प्रभावी चैनल बनाता है।”

कार्यक्रम का समापन एक भव्य रात्रिभोज के साथ हुआ, जहाँ समुदाय के सदस्यों ने एक-दूसरे के साथ आपसी मेलजोल बढ़ाया और भविष्य के सहयोग की नींव रखी।

स्टिच्टिंग के अधिकारी, महेश वल्लभ पांडेय, कार्यकारी संस्थापक बोर्ड सदस्य और निदेशक, सीमा शर्मा, कार्यकारी संस्थापक बोर्ड सदस्य और निदेशक, शिल्पम चंद्रा, कार्यकारी संस्थापक बोर्डसदस्य और निदेशक, राकेश पई, कार्यकारी प्रबंधन टीम बोर्ड सदस्य, जिग्नेश कार्णिक, कार्यकारी प्रबंधन टीम बोर्ड सदस्य, आलोक शर्मा, कार्यकारी प्रबंधन टीम बोर्ड सदस्य, और डॉ. पूजा कार्णिक, सामाजिक, स्वास्थ्य एवं महिला गुट की प्रमुख कार्यक्रम के बाद काफ़ी प्रसन्नचित और संतुष्ट दिखाई दिये और कहा कि कार्यक्रम काफ़ी उत्साहवर्धक रहा।

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