
न्यूयॉर्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए इसे 2008 के मुंबई हमलों से भी ज्यादा क्रूर बताया। संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद पीड़ित संघ नेटवर्क (VOTAN) के शुभारंभ के अवसर पर भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंक के खिलाफ एकजुट और जिम्मेदार कार्रवाई की खुली अपील की।
भारत का पक्ष : पहलगाम हमला 26/11 के बाद सबसे क्रूर
राजदूत योजना पटेल ने कहा,
“जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुआ आतंकवादी हमला 26/11 के बाद सबसे क्रूर आतंकवादी हमला है। इसने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि आतंकवाद का चेहरा कितना अमानवीय हो सकता है।”
उन्होंने कहा कि सीमापार आतंकवाद का दशकों से शिकार होने के नाते भारत अच्छी तरह समझता है कि आतंकवाद पीड़ितों और समाज पर कितना गहरा और दीर्घकालिक प्रभाव डालता है।
वैश्विक समर्थन और एकजुटता की सराहना
पटेल ने अंतरराष्ट्रीय नेताओं और सरकारों द्वारा पहलगाम हमले पर दिखाए गए समर्थन को सराहा और कहा कि यह आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की भावना को दर्शाता है।
“दुनिया भर से जो एकजुटता और स्पष्ट समर्थन मिला है, वह इस बात का प्रमाण है कि अब समय आ गया है जब आतंकवाद को सहन नहीं किया जाएगा।”
जवाबदेही और न्याय की मांग
भारत ने संयुक्त राष्ट्र से यह स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवादियों के साथ-साथ उनके आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। योजना पटेल ने कहा,
“जैसा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी माना है – इन घिनौने अपराधों के पीछे जो भी हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।”
आतंकवाद के किसी भी रूप को नहीं मिलेगा औचित्य
भारत ने दोहराया कि आतंकवाद किसी भी उद्देश्य, स्थान या समय में स्वीकार्य नहीं है। राजदूत ने साफ कहा,
“चाहे आतंकवादी हमला किसी भी मकसद से हो, वह अपराध ही होता है। उसे किसी भी परिस्थिति में न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता।”
पीड़ितों को केंद्र में रखने की जरूरत
VOTAN (Victims of Terrorism Association Network) की स्थापना की सराहना करते हुए पटेल ने कहा कि यह संगठन पीड़ितों को एक संरक्षित और समर्थन युक्त मंच देगा जहां उनकी आवाज़ सुनी जा सकेगी।
भारत का मानना है कि वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीतियों के केंद्र में पीड़ितों को रखा जाना चाहिए ताकि उनका पुनर्वास और न्याय सुनिश्चित किया जा सके