अमेरिकी कोर्ट में गूंजा भारत-पाक सीजफायर का मुद्दा, ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ पर ट्रंप को लगा जोर का झटका

मैनहैटन, अमेरिका। अमेरिका के मैनहैटन स्थित एक संघीय अदालत ने ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ पर रोक लगा दी है और इसे गैरकानूनी घोषित किया है। अमेरिकी कोर्ट ने ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि इस तरह के कर लगाने का अधिकार केवल कांग्रेस यानी संसद के पास है, न कि राष्ट्रपति के।

अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है और इस कदम के पीछे उनका निर्णय अमेरिकी संविधान के खिलाफ है। अदालत का यह फैसला अमेरिकी संविधान की शक्ति विभाजन प्रणाली का सम्मान करता है और राष्ट्रपति के एकतरफा कदमों को सीमित करता है।

वहीं, ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले का खंडन किया है और अपने तर्क में कहा है कि टैरिफ लगाए जाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है। प्रशासन ने कोर्ट से आग्रह किया है कि वे इस फैसले को रद्द करें और टैरिफ को जारी रखने की अनुमति दें।

यह मामला उस समय आया है जब ट्रंप प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के मुद्दे समेत कई अन्य मुद्दों को भी लेकर अपनी दलीलें दी थीं। हालांकि, अदालत ने अपने फैसले में साफ किया कि आर्थिक नीतियों और कराधान से संबंधित निर्णय केवल कांग्रेस का कार्य हैं और राष्ट्रपति इसका आदेश नहीं दे सकते।

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