
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद जो युद्धविराम हुआ, उसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा कि यह युद्धविराम उनके प्रयासों और व्यापार के वादे के चलते संभव हुआ। हालांकि, भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
ट्रंप का दावा क्या था?
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के साथ “काफी व्यापार” का वादा किया, जिसके चलते दोनों देश युद्धविराम पर सहमत हुए। ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके प्रशासन ने शनिवार को युद्धविराम कराने में अहम भूमिका निभाई, क्योंकि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं और स्थिति बेहद संवेदनशील थी।
भारत की प्रतिक्रिया : ‘व्यापार की कोई बात ही नहीं हुई’
एक भारतीय प्रशासनिक अधिकारी, जो इस मामले से सीधे जुड़े हैं, ने ट्रंप के दावे को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि 9 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी, और 8 व 10 मई को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से चर्चा की थी।
इन सभी बातचीतों में व्यापार को लेकर किसी भी तरह की बात नहीं हुई। अधिकारी ने साफ कहा कि किसी भी स्तर की चर्चा में व्यापार का कोई उल्लेख नहीं आया, जिससे ट्रंप के दावे की सच्चाई पर सवाल खड़े होते हैं।